अयोध्या :काशी विश्वनाथ की तर्ज पर श्रीराम जन्मभूमि का होगा विकास,

काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का विकास किया जाएगा। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को अयोध्या के नगर विकास से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। यहां मुख्य मार्ग से श्रीराम जन्मभूमि तक 12.94 किमी मार्ग का निर्माण, चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण होगा। इस पर 797.69 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सहादतगंज से नया घाट होते हुए जन्मभूमि स्थल तक फोर लेन सड़क बनाई जाएगी। यह मेन स्पाईन रोड के निर्माण के लिए भूमि, मकान और दुकानों का अधिग्रहण किया जाएगा। इससे प्रभावित होने परिवारों और दुकानदारों को नियमानुसार मुआवजा देकर विस्थापित किया जाएगा। मंगलवार को योगी कैबिनेट ने मार्ग निर्माण और भूमि अधिग्रहण के लिए 797.69 करोड़ का प्रस्ताव मंजूर किया।

अयोध्या में रोड के निर्माण के लिए भूमि एवं भवन अधिग्रहण पर 378.77 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका निर्माण लोक निर्माण विभाग करेगा। भूमि अधिग्रहण अधिकृत संस्था के माध्यम से किया जाएगा।

श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधा का होगा विकास
जयवीर सिंह ने बताया कि अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार इस मार्ग को आधुनिक बनाने के लिए सड़क के साथ ही सीवर, पावर केबल और वाटर डक्ट की भी व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए शौचालय, बैंच, पेयजल सहित अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। इस 12.940 किलोमीटर मार्ग का आगणन पूर्ण रूप से नए सिरे से एक माडर्न सिटी की ट्रंक रोड के रूप में किया गया है। ड्रेन की डिजाइन मानक के अनुरूप की गई है।

कैबिनेट ने गृह विभाग और दिव्यांगजन विभाग के बीच एमओयू की मंजूरी दी

उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेसिंक साइंसेज लखनऊ परिसर में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) गांधीनगर गुजरात के रीजनल सेंटर का भवन बनने तक रीजनल सेंटर डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में स्थित समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय भवन में संचालित किया जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को लोक भवन में आयोजित बैठक में विद्यालय भवन तीन वर्ष के लिए गृह विभाग को निशुल्क देने के लिए गृह विभाग और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के बीच होने वाले एमओयू के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों तथा पुलिस सेवा के क्षेत्र में कार्य करने वाले दक्ष कार्मिकों की उपलब्धता, शोध, प्रशिक्षण एवं आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा जैसे महत्वूपर्ण विषयों के लिए गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से आरआरयू का रीजनल सेंटर यूपी में स्थापित करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ  फोरेंसिक साइंसेज के परिसर में केंद्रीय संस्थान के लिए आरक्षित 5 एकड़ भूमि पर रीजनल सेंटर स्थापित करने की सैद्धांतिक सहमति दी थी।

आरआरयू के रीजनल सेंटर के भवन का निर्माण होने तक डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में चिंहित राजकीय समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय के भवन में रीजनल सेंटर कैंपस संचालन का निर्णय किया है। विद्यालय भवन तीन वर्ष के लिए गृह विभाग को निशुल्क आवंटित किया जाएगा। इसके लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और गृह विभाग के बीच एक एमओयू साइन किया जाएगा। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के अस्थाई रीजनल सेंटर के संचालन के लिए व्यय भार का वहन आरआरयू की ओर से वहन किया जाएगा।

सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम लेने पर श्रमिक को करना होगा दोगुना भुगतान

प्रदेश में सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम लेने पर अतिरिक्त घंटों के लिए श्रमिक को दोगुना भुगतान करना होगा। उप्र व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता नियमावली 2022 को कैबिनेट ने ऐसे ही तमाम प्रावधानों के साथ मंगलवार को हरी झंडी दे दी। इससे संबंधित बनाए गए तीन एक्ट को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।

अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने बताया कि केंद्र सरकार ने श्रम विभाग के 29 कानूनों को खत्म कर चार संहिता बना दी हैं। सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और मजदूरी संहिता को पहले ही हरी झंडी दी जा चुकी है। अब कैबिनेट में व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य शर्त संहिता के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब किसी अधिष्ठान या कारखाने में काम करने वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिक का या खतरनाक प्रकृति कारखाने में काम करने वाले श्रमिक का वर्ष में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा। प्रत्येक नियोजन कर्मचारी का नियुक्ति पत्र जारी करेगा। ऐसे कारखाने जहां 500 से अधिक कर्मकार काम करते हों या खतरनाक प्रकृति के ऐसे कारखाने जहां 250 से अधिक कर्मकार काम करते हों, वहां सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। सेफ्टी कमेटी का गठन करना होगा।

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