
विकास ठाकुर ने बर्मिंघम की धरती पर रजत पदक जीतकर देश ही नहीं लुधियाना का भी मान बढ़ाया है। खास बात यह है कि विकास ठाकुर कॉमनवेल्थ में पदकों की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। विकास की जीत से मंगलवार का दिन और खास बन गया क्योंकि दो अगस्त को उनकी मां का जन्मदिन था। विकास ने जन्मदिन पर मां आशा को बड़ा तोहफा दिया है। परिवार ने इस ऐतिहासिक लम्हे को टीवी पर अपनी आंखों से देखा। पदक पक्का होते ही पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले विकास ठाकुर के पिता बृजलाल ठाकुर काफी समय पहले लुधियाना आ गए थे। वे यहां रेलवे कॉलोनी में परिवार के साथ रहते हैं।
विकास की पढ़ाई लिखाई लुधियाना में हुई है और यहीं वेटलिफ्टंग का जुनून जागा। विकास ने 2014 में रजत और 2018 में कांस्य तथा 2022 में रजत पदक जीतकर हैट्रिक लगाई है। पिता बताते हैं कि विकास का बचपन से ही खेलों में रुझान था। इस दौरान वेटलिफ्टंग के प्रति झुकाव हो गया। फिर पूरी लगन से इस खेल को अपना लिया।
वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वेटलिफ्टिंग में मेहनत करता रहता था। पिता बताते हैं कि बर्मिंघम में जाते समय मैंने उसे सलाह दी थी कि खेल के समय तुम विपक्ष खिलाड़ी का रिकॉर्ड व अन्य किसी बात को लेकर अपने ऊपर दबाव मत बनाना। उसे मत देखना। बल्कि सहज होकर अपना गेम खेलना। इसके अलावा अपने कोच की बताई बातों में अमल करना। इसी का परिणाम है कि वह तीसरी बात पदक जीतने में कामयाब हो गया।
बेटे ने जाते समय कहा था पदक जीतकर करूंगा शादी
उन्होंने बताया कि विकास कुंवारा है और कॉमनवेल्थ गेम्स में जाने से पहले हमने उसकी शादी कराने के बारे में कहा था। तब उसने कहा कि वह अभी शादी नहीं करेगा। पदक जीत कर आऊंगा तो शादी करूंगा। अब उसकी शादी धूमधाम से कराएंगे। विकास की मां आशा ठाकुर ने बताया कि बेटे ने जन्मदिन पर बड़ा तोहफा दिया है। उसने फोन कर मुझे बधाई भी दी और कहा था कि मां जिस दिन आपका जन्मदिन है। उसी दिन मैं मेडल जीतना चाहता हूं और आप को और देश को तोहफा देना चाहता हूं।