Russia Ukraine War: यूक्रेन के परमाणु संयंत्र नियंत्रण से बाहर, संयुक्त राष्ट्र ने दी चेतावनी

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यूएन के परमाणु प्रमुख ने चेताया है कि यूक्रेन में यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर है। उन्होंने हालात स्थिर करने व एटमी हादसे से बचाव के लिए विशेषज्ञों को जल्द से जल्द परिसर का दौरा करने की अनुमति देने के लिए रूस-यूक्रेन से अनुरोध किया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल ग्रासी ने कहा कि दक्षिणपूर्वी शहर एनरहोदर में जपोरिज्जिया संयंत्र में स्थिति हर दिन खतरनाक हो रही है।

इस पर रूसी सैनिकों ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमले के बाद मार्च की शुरुआत में कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा, परमाणु सुरक्षा के हर सिद्धांत का उल्लंघन किया गया है और जो दांव पर लगा है, वह बेहद गंभीर और खतरनाक है। ग्रासी ने संयंत्र की सुरक्षा के कई उल्लंघनों का जिक्र करते हुए कहा कि यह रूस-नियंत्रित क्षेत्र के पास ऐसी जगह पर है जहां भीषण जंग चल रही है। संयंत्र की भौतिक अखंडता का सम्मान नहीं किया गया है। आईएईए प्रमुख ने कहा कि परमाणु संयंत्र तक पहुंचने के लिए उन्हें और उनकी टीम को सुरक्षा और रूस और यूक्रेन के तत्काल सहयोग की जरूरत है। 

चेर्नोबिल जैसे हादसे की आशंका
आईएईए प्रमुख राफेल ग्रासी ने कहा, यहां उपकरण-स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति शृंखला बाधित हो गई है, इसलिए हमें भरोसा नहीं कि संयंत्र सुरक्षित है। इसके लिए निरीक्षण करने की जरूरत है कि परमाणु सामग्री की सुरक्षा की जा रही है या नहीं। यदि इसकी सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया तो इस संयंत्र में 1986 में हुई चेर्नोबिल जैसे दुर्घटना घट सकती है। यह बेहद खतरनाक होगा क्योंकि यह संयंत्र कीव से करीब 110 किमी दूर है।

दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में रूसी हमले जारी
रूस-यूक्रेन युद्ध को छह माह हो चुके हैं लेकिन रूसी सेना हमले रोकने का नाम नहीं ले रही। उसने दोनेस्क क्षेत्र के कई गांवों और कस्बों पर बुधवार को हमले किए। हालांकि खेरसॉन के खोए इलाकों को दोबारा पाने के मकसद से यूक्रेनी सेना भी जबरदस्त जोर लगा रही है। उसने रूसी सैनिकों पर हमले जारी रखे हैं। 

रूस के विदेश मंत्री लावरोव आधिकारिक यात्रा पर म्यांमार गए
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव एक आधिकारिक यात्रा पर बुधवार को म्यांमार गए हैं। रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, इस यात्रा के दौरान लावरोव सैन्य सरकार के साथ सुरक्षा एवं आर्थिक मामलों पर वार्ता करेंगे। रूस आंग सान सूकी की निर्वाचित सरकार को पिछले साल फरवरी में अपदस्थ करके सत्ता पर काबिज हुई म्यांमार की सैन्य सरकार का बड़ा समर्थक है। 

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