हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया। बृहस्पतिवार की दुपहर बाद तीन बजे हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख 21 हजार 786 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। इस बरसात में अब तक का यह सर्वाधिक जलस्तर है। सिंचाई विभाग ने फ्लड घोषित कर पूर्वी एवं पश्चिमी यमुनों नहरों को बंद कर दिया है। जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा है। यमुना में अधिक पानी आने के कारण जिले के गंगोह, नकुड़ के अलावा शामली, बागपत और दिल्ली में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
बुधवार की रात हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की पहाड़ियों में भारी बारिश हुई। इससे बृहस्पतिवार की सुबह यमुना का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया। सुबह छह बजे हथिनीकुंड बैराज से 76 हजार 795 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सात बजे 1 लाख 34 हजार 912 क्यूसेक जलस्तर रिकॉर्ड किए जाने के बाद सिंचाई विभाग ने फ्लड घोषित कर दिया और पूर्वी एवं पश्चिमी यमुना नहरों को बैराज से बंद कर दिया गया। तीन बजे बैराज पर पानी बढ़ने पर 2 लाख 21 हजार 786 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर किया गया है। चौकियों पर तैनात किए गए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल अपने-अपने क्षेत्र में जाने के निर्देश दिए गए है। बैराज से मिली जानकारी के अनुसार अभी यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है। इस स्थिति में नीचे के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा गया है। सहारनपुर के सरसावा, नकुड़ व गंगोह के कुछ क्षेत्र प्रभावित होंगे, जबकि शामली, बागपत और दिल्ली में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।
सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। जिस कर्मचारी की जहां पर ड्यूटी है, उसे वहीं पर रहने के लिए कहा गया है, हालांकि अभी तक खतरे वाली कोई बात नहीं है फिर भी प्रशासन पूरे अलर्ट पर है।
पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद यमुना में जल स्तर बढ़ने से फ्लड घोषित किया गया है। पूर्वी और पश्चिमी नहरों को बंद कर दिया गया है। बैराज से तमाम पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। बृहस्पतिवार को 2.21 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है।