पंजाब सरकार ने खनन नीति में संशोधन करते हुए रेत बजरी के दाम बढ़ा दिए हैं। नए रेट के तहत पंजाब में रेत 9 रुपये प्रति क्यूबिक फीट के हिसाब से मिलेगी और बजरी का न्यूनतम मूल्य 20 रुपये प्रति क्यूबिक फीट रखा गया है। कैबिनेट की मीटिंग के बाद खनन मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने रेत के दाम घटाए थे लेकिन उसका फायदा जनता को नहीं हो रहा था। सरकार का दावा है कि अब नई पालिसी से जनता को इसका लाभ होगा, हालांकि नई पॉलिसी में यह लाभ होता नहीं दिख रहा है।
उधर, पॉलिसी में बदलाव करते हुए सरकार ने क्रशर साइट छोटी कर सिक्योरिटी फीस बढ़ा दी है। अब तीन लाख की जगह सिक्योरिटी फीस 5 लाख देनी होगी। तीन साल के लिए एक साइट अलॉट की जाएगी और ठेकेदार की सरकार के प्रति जवाबदेही होगी। सरकार खनन से निकलने वाली सामग्री पर पर्यावरण सेस लेगी। सरकार का मानना है कि नई नीति से 225 करोड़ का सालाना राजस्व जुटाया जा सकता है।
नई नीति के मुताबिक अवैध खनन रोकने के लिए क्रशरों का दायरा 5 हेक्टेयर तक सीमित कर दिया है। मसलन यदि किसी ठेकेदार को 20 हेक्टेयर की साइट अलॉट करवानी है तो उसे पांच-पांच हेक्टेयर की चार साइटें अलॉट करानी होंगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई नीति के तहत कई प्रावधान किए गए हैं।
यह किए गए प्रावधान
- क्रशर से निकलने वाले माल पर एक रुपये प्रति घन फुट की दर से पर्यावरण फंड लगाया गया है
- गैर-कानूनी माइनिंग पर रोक लगाने के लिए माइनिंग साइट के साथ-साथ क्रशर पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
- क्रशर साइट पर वजन के लिए ब्रिज लगाना अनिवार्य किया गया है
- क्रशर से माल की बिक्री की पूरी प्रक्रिया की निगरानी ऑनलाइन पोर्टल के जरिये की जाएगी
- क्रशर सिक्योरिटी फीस 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की गई है
- क्रशर यूनिटों की सिक्योरिटी भी 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये हो जाएगी
- क्रशिंग यूनिटों को 5 हेक्टेयर तक की माइनिंग साइट अलॉट की जाएगी, जिससे उनको माल के लिए जायज स्रोत मुहैया होंगे
- इन माइनिंग साइट की अलॉटमेंट ई-नीलामी से की जाएगी
- यह कॉन्ट्रैक्ट तीन साल के लिए होगा, जिसे चार साल तक बढ़ाया जा सकता है, बशर्ते कि साइट पर सामग्री उपलब्ध हो
मासिक रिटर्न भरनी जरूरी होगी
क्रशर मालिकों द्वारा निकासी की सामग्री की मासिक रिटर्न भरनी जरूरी होगी। मालिकों को उनके द्वारा प्रमाणित स्रोतों से प्राप्त की गई सामग्री से अधिक आई सामग्री पर जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। भुगतान में अधिक देरी होने की सूरत में यह जुर्माना और बढ़ाया जाएगा। इस नीति में यह भी प्रस्ताव है कि कोई उल्लंघन होने पर रजिस्ट्रेशन को रद्द या निरस्त किया जाएगा।
बेसमेंट के निर्माण पर पांच रुपये प्रति वर्ग फुट सरचार्ज
मौजूदा समय में लागू के-2 परमिट की जगह बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने वाली अथॉरिटी, ऐसे स्थान जहां बेसमेंट का निर्माण प्रस्तावित है, के लिए पांच रुपये प्रति वर्ग फुट का सरचार्ज वसूलेगी। यह पैसा स्थानीय संस्थाओं/टाउन प्लानिंग अथॉरिटी द्वारा एकत्रित किया जाएगा और इसे विभाग के संबंधित हैड में जमा करवाया जाएगा।
यह सरचार्ज किसी भी आकार के रिहायशी घरों या किसी अन्य 500 वर्ग गज तक के प्लॉट पर प्रस्तावित इमारत के लिए लागू नहीं होगा। इसके अलावा ईंट भट्ठों को छोड़कर व्यापारिक ढांचे के प्रोजेक्टों के निर्माण में प्रयोग के लिए साधारण मिट्टी की रॉयल्टी दर 10 रुपये प्रति टन रखी गई है।