
मुस्लिम धर्म त्याग कर हिंदू बने वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट से पैगंबर मोहम्मद और पवित्र कुरान के संबंध में विवादित बयान देने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी प्रकार से राजनीति से प्रेरित होकर पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान को उसमें घसीटा जाना उचित नहीं है।
याचिकाकर्ता युसूफ उमर अंसारी की अधिवक्ता सहर नकवी का कहना है कि वसीम रिजवी का लंबा अपराधिक इतिहास है। वह पैगंबर मोहम्मद व पवित्र कुरान पर विवादित टिप्पणी करके दुनिया भर में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुरान इस्लाम की धार्मिक पुस्तक है जिसमें दुनिया भर के मुस्लिमों का एतबार है। इसमें किसी प्रकार के संशोधन की बात करना अनुचित है। वह गलत इतिहास प्रस्तुत कर रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि वसीम रिजवी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाए। उनके द्वारा की जा रही इंटरनेट मीडिया पर तमाम इस्लाम विरोधी टिप्पणियों को हटाया जाए।
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने बुधवार को नया वीडियो जारी किया है। उन्होंने फिदायीन हमले की आशंका जताई है। कहा कि एक सितंबर को हरिद्वार पहुंचेंगे और दो सितंबर को जेल में सरेंडर करेंगे।
खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में आयोजित तीन दिवसीय धर्म संसद मामले में अमर्यादित भाषण देने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि जब वह जिला कारागार रोशनाबाद में बंद थे तो ज्वालापुर के कुछ असामाजिक तत्व जेल में आकर उनकी गर्दन काटना चाहते थे। जेल की सख्ती की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।
बता दें कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी तीन महीने की जमानत पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर तक उनको हरिद्वार जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया है। त्यागी ने कहा कि बहुत से लोगों ने उनका साथ दिया। कुछ लोगों ने बीच सफर में ही उनका साथ भी छोड़ दिया है।