
कर्नाटक में लिंगायत मठ के संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। संत शिवमूर्ति मुरुघा पर नाबालिगों से यौन शोषण करने का आरोप है। गुरुवार देर रात उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
शिवमूर्ति के खिलाफ पुलिस ने सोमवार को पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था। इसके बाद उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद पुलिस आज ओपन कोर्ट में आरोपी के खिलाफ हिरासत की मांग करेगी। बता दें, शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को पुलिस ने गुरुवार को ही गिरफ्तार किया था।
बढ़ाईं गईं एससी-एसटी एक्ट की धाराएं
यौन शोषण का आरोप लगाने वाली दो में से एक पीड़िता के अनुसूचित जाति से होने के कारण पुलिस ने मामले में एससी-एसटी एक्ट के तहत भी धाराएं लगाई हैं। पुलिस विभाग के सूत्रों ने बताया कि मठ के मुख्य महंत शिवमूर्ति मुरुघा पर यौन उत्पीड़न के साथ ही मंगलवार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं। इस बीच मठ के छात्रों को वहां के सरकारी छात्रावास में स्थानांतरित कर दिया गया है। इतना ही नहीं विवाद के बाद कई परिजन अपने बच्चों को वापस घर लेकर चले गए हैं। इसके साथ ही मामला सामने आने के बाद से पुलिस टीम लगातार मठ और छात्रावास का दौरा कर रही है।
क्या है मामला?
दरअसल, शिवमूर्ति समेत पांच व्यक्तियों पर उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। उनके खिलाफ पॉक्सो कानून के तहत मैसूर पुलिस ने दो नाबालिगों की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की है।
पांच लोगों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज
जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी की शिकायत के आधार पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, लड़कियों ने मैसूर स्थित एक गैर-सरकारी संगठन ‘ओदानदी सेवा संस्थान’ से संपर्क किया और काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी।