मसूरी गोलीकांड : सीएम की घोषणा, फिल्म के माध्यम से युवाओं तक पहुंचेगा आंदोलनकारियों का बलिदान

मसूरी गोलीकांड की 28वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्मारक पर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सीएम ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को सम्मानित भी किया। सीएम ने कहा कि शहीदों की शहादत से ही हमें अलग राज्य मिला। उन आंदोलनकारियों के बलिदान को फिल्म के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाया जाएगा। जिससे वह भी इससे परिचित हो सकें।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मसूरी पहुंचे और यहां राज्य आंदोलनकारियों की शहादत को याद किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें याद दिलाता है कि अलग उत्तराखंड राज्य के लिए प्रदेशवासियों ने क्या खोया और राज्य को कैसे आगे बढ़ाना है। कहा कि उत्तराखंड को देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए दस साल का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 2025 में उत्तराखंड अपनी स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, उस समय तक के लिए सभी विभागों को लक्ष्य दिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी भी बोल चुके हैं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। सीएम ने कहा कि मसूरी गोलीकांड के शहीदों को नमन करते हुए संकल्प लेते हैं कि शहीदों के सपनों का राज्य बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मसूरी में गढ़वाल सभा के भवन निर्माण के लिए डेढ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जा चुकी है। आगे भी इसके लिए जो धनराशि की आवश्यकता होगी उसको सरकार देगी।

मसूरी शहीद स्थल की छत बनाने के लिए सीएम ने कहा कि इसका आकलन कराया जाएगा और जल्द ही निर्माण शुरू किया जाएगा। साथ ही बोले कि गलोगी की पहाड़ी के ट्रीटमेंट की योजना पर सरकार काम करेगी। उन्होंने सड़कों की खराब हालत को लेकर लोनिवि को मरम्मत के निर्देश दिए। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इस राज्य के निर्माण को खटीमा और मसूरी की घटना के बाद गति मिली। राज्य नहीं बनता तो हम विधायक या मंत्री भी नहीं होते।

कहा कि आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार गंभीर है। भर्ती घोटाले पर उन्होंने कहा कि 30 से अधिक लोग जेल पहुंच गए हैं। घोटाले में चाहे कितनी बड़ी पहुंच का आदमी होगा, उसको जेल भेजने का काम सरकार करेगी। मंच का संचालन कर रहे पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि मसूरी में वेंडर जोन बनाने की पूर्व में घोषणा हुई थी, लेकिन आज तक नहीं बना। साथ ही उन्होंने शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को विस्थापित करने की मांग सीएम के सामने रखी। पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला ने सीएम के सामने गलोगी की पहाड़ी के ट्रीटमेंट की मांग रखी। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता, राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान, यूकेडी नेता काशी सिंह ऐरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल, बलजीत सोनी, भगवान सिंह धनाई, बीडी रतूड़ी आदि मौजूद रहे।

महिलाओं के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

महिला आरक्षण को लेकर सीएम ने कहा कि राज्य की मातृ शक्ति को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए सरकार पुरजोर पैरवी करेगी। इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण का मामला 2016 से राज्यपाल के पास था और राज्यपाल ने प्रस्ताव वापस सरकार को कल ही भेजा है। जल्द इसका उचित परीक्षण कर समाधान निकाला जाएगा। कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन सरकार ने बढ़ा दी है। वहीं, मसूरी के शिफन कोर्ट विस्थापितों को लेकर सीएम ने कहा कि पालिका इसके लिए भूमि को लेकर बोर्ड से प्रस्ताव लाए, उसके बाद सरकार और संस्थाएं मिलकर काम करेंगी। 

सीएम के समक्ष रखी मांगें

उत्तराखंड शहीद स्मारक समिति, मजदूर संघ, झूलाघर वेलफेयर एसोसिएशन मसूरी, होटल एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। मजदूर संघ मसूरी ने कहा कि शिफन कोर्ट के विस्थापितों को आवास उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही साइकिल रिक्शा श्रमिकों को पुनर्वास के तहत उन्मूलन प्रक्रिया में सम्मलित करते हुए दुकानें, नौकरी और मुवाअजा दिया जाए। साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक रिक्शा को शहर के अन्य स्थानों पर चलाने के लिए सरकार स्वीकृति दे।

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