MP में योगी का रोजगार मॉडल:शिवराज देंगे 15 हजार टीचर्स को ट्रेनिंग

CM-SHIVRaj

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजगार को लेकर बड़ा आयोजन कर रहे हैं। इसमें बीते चार 4 साल के संघर्ष के बाद 15 हजार से ज्यादा चयनित शिक्षक रविवार सुबह साढ़े 10 बजे भेल दशहरा मैदान में जमा होंगे। इस अवसर को विशेष बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैँ।

पहली बार खुले मैदान में बने डोम के अंदर इन्हें एक दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। करीब डेढ़ घंटे के प्रशिक्षण के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीब 30 मिनट का भाषण भी देंगे। कार्यक्रम से बताने का प्रयास किया जाएगा कि प्रदेश सरकार ने किस तरह से डेढ़ साल में ही 18 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नौकरी दिलाई है। इसके अलावा आरक्षक और वर्ग तीन की भर्ती के लिए परीक्षा की जा चुकी है।

शिवराज चयनित शिक्षकों को देंगे ट्रेनिंग

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार दोपहर 12:30 बजे दशहरा मैदान BHEL पर नवनियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे। जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह मांडवे और स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार उपस्थित रहेंगे। शिवराज विभागीय प्रशिक्षण नीति एवं विभागीय परिसंपत्तियों के संधारण मार्गदर्शिका का विमोचन भी करेंगे। करीब 15 हजार शिक्षक, शिवराज से प्रदेश में स्कूल शिक्षा की दिशा और भविष्य की आकांक्षाओं से अवगत होंगे।

वर्ष 2019 में आया था रिजल्ट

उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट 28 अगस्त 2019 को आया और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट 26 अक्टूबर 2019 को आया।

जुलाई 2021 तक 15 बार प्रदर्शन कर चुके थे

चयनित शिक्षक जुलाई 2021 तक 15 से ज्यादा बार प्रदर्शन कर चुके थे। परीक्षा में चयनित 3 हजार से ज्यादा शिक्षक बैनर लेकर नियुक्ति की मांग करते हुए सितंबर में भाजपा मुख्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। चयनित महिला शिक्षकों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री आकर आश्वासन नहीं देंगे तक हम नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हम उनको राखी भी लेकर आए हैं। इस दौरान शिक्षकों ने लाठी और डंडे झेले।

पुरुष शिक्षकों के मुंडन कराने का प्रदर्शन से लेकर महिला शिक्षक शिवराज को राखी तक लेकर बीजीपी कार्यलय पहुंच गईं थीं। एफआईजार की चेतावनी के बाद अधिकांश महिला-पुरुष हट गए। प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को पुलिस ने फोन कर धमकियां तक दी थीं। इसमें कहा गया था कि अगर अब प्रदर्शन के लिए भोपाल आए तो सीधे एफआईआर होगी। दोबारा सरकारी नौकरी की भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। करीब 3 साल के संघर्ष के बाद 18 हजार से ज्यादा शिक्षकों को आखिर कार पिछले साल से नियुक्ति पत्र मिलना शुरू हुआ। सभी को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं।

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