
यूक्रेन के उत्तरपूर्वी क्षेत्र खार्किव के कई इलाकों में लड़ाई तेज होने के चलते ब्लैकआउट और पानी की आपूर्ति ठप्प हो गई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के अनुसार रूसी हमलों ने खार्किव और डोनेट्स्क क्षेत्रों में पूर्ण ब्लैकआउट कर दिया है। वहीं, जापोरिज्झिया, निप्रापेट्रोस और सूमी क्षेत्रों में आंशिक ब्लैकआउट हो गया है। खार्कीव के गवर्नर के अनुसार रूस द्वारा यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर बमबारी के चलते यह हुआ है। यूक्रेन में जपोरीजिया के परमाणु संयंत्र का आखिरी रिएक्टर भी रविवार को बंद कर दिया गया। इससे भी संयंत्र से यूक्रेन को होने वाली बिजली की आपूर्ति रुक गई है।
जपोरीजिया के परमाणु संयंत्र पर खतरा
अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) ने युद्ध के बीच संयंत्र चालू रहने से परमाणु दुर्घटना की आशंका जताई थी जिसकी चपेट में यूक्रेन सहित कई यूरोपीय देश आ सकते थे। आइएईए के महानिदेशक रफाएल ग्रोसी ने कहा है कि रिएक्टर बंद किए जाने से खतरा खत्म नहीं हुआ है। संयंत्र की सुरक्षा के लिए बिजली जरूरी है, साथ ही क्षेत्र में गोलाबारी भी रुकनी चाहिए, क्योंकि संवेदनशील हिस्से में गिरे एक गोले से भीषण हादसा हो सकता है।
लड़ाई में बिजली के तार और ट्रांसफार्मर नष्ट हुए
जपोरीजिया क्षेत्र में रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच चल रही लड़ाई में बिजली के तार और ट्रांसफार्मर आदि नष्ट हो गए हैं। इससे छह रिएक्टरों वाले यूरोप के इस सबसे बड़े परमाणु संयंत्र को एक सप्ताह से बाहर से बिजली नहीं मिल रही थी। इसके कारण उसके रिएक्टरों को अनिवार्य रूप से ठंडा रखने में मुश्किलें पेश आ रही थीं। ऐसे में डीजल चालित जेनरेटरों से बिजली पैदा करके रिएक्टरों को ठंडा रखा जा रहा था। लेकिन क्षेत्र में लगातार चल रही लड़ाई के चलते संयंत्र में डीजल पहुंचाने में भी मुश्किल हो रही थी। अंतत: यूक्रेन की परमाणु संयंत्र चलाने वाली कंपनी इनरगोएटम ने जपोरीजिया की पावर यूनिट सिक्स को भी बंद करने का निर्णय लिया।