
जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत वाहन चलाने वाले और साथ बैठे पिलियन राइडर को भी हेलमेट पहनना होगा। महिला-पुरुष-नाबालिग चालक को लेकर अलग से निर्देश नहीं हैं। इसलिए पुलिस 4 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे हर वाहन चालक के खिलाफ (सिख को छोड़कर) सख्ती बरतने की तैयारी कर रही है।
हेलमेट की अनिवार्यता पहले से है, लेकिन मप्र में सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ कम करने के लिए अब सख्ती भी बरती जाएगी। यानी अब हेलमेट पहने हुए सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को ही दफ्तर में एंट्री मिलेगी।
एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन ने बताया कि शिक्षण संस्थानों और पेट्रोल भरवाने के लिए पंप्स पर भी हेलमेट की अनिवार्यता लागू की गई है। सभी तरह की पेड पार्किंग में बगैर हेलमेट पहने आए लोगों के वाहन पार्क नहीं होने दिए जाएंगे। शोरूम डीलर्स को भी ताकीद कर रहे हैं कि बगैर हेलमेट वालों को दो पहिया वाहन न दें।
जयपुर-जोधपुर में जनवरी 2011 हेलमेट अनिवार्य है। करीब दो साल बाद पिलियन राइडर के लिए हेलमेट जरूरी हो गया। यहां सख्ती से ज्यादा लोगों की जागरूकता ही काम आई। यहां बिना हेलमेट पहने लोगों के लिए कैमरों से बचना मुश्किल है। इसलिए यहां हेलमेट पहनना आदत बन चुका है और लोग अपने साथ एक्स्ट्रा हेलमेट तक रखते हैं। राजस्थान में सड़क हादसे में दोपहिया वाहन चालकों की मौत का ग्राफ 35 फीसदी है।