
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने सभी जिलों से सड़कों की विशेष मरम्मत का प्रस्ताव 48 घंटों के अंदर मांगा है। साथ ही क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को चेताया गया है कि 14 अक्तूबर तक ऐसा न होने पर 15 को संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मार्गों को 15 नवंबर तक गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, पीडब्ल्यूडी पहले ही प्राथमिकता के आधार पर कार्ययोजना तैयार कर चुका है, लेकिन खंडों से एस्टीमेट उस प्राथमिकता के अनुरूप नहीं भेजे जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष संदीप कुमार ने सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं को पत्र भेजकर कहा है कि मुख्यालय को मंजूरी के लिए भेजे गए अधिकतर एस्टीमेट कार्ययोजना में दी गई वरीयता के अनुसार नहीं हैं। इससे इनके मंजूरी में दिक्कत आ रही है। इसलिए एस्टीमेट तय वरीयता क्रम में ही भेजे जाएं।
विभागाध्यक्ष के निवर्तन मद से होने हैं ये काम
विशेष मरम्मत के ये सभी काम विभागाध्यक्ष के निवर्तन मद से कराए जाएंगे। इसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो करोड़ रुपये के काम होने हैं। मुख्य अभियंता, मुख्यालय-1 को भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर मुख्यालय पर प्राप्त एस्टीमेट परीक्षण कर स्वीकृति के लिए पत्रावली प्रस्तुत करने में उनके अधीनस्थ अधिकारियों के स्तर से विलंब होता है तो उनके खिलाफ भी तत्काल अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाए।
एक लाख किमी सड़कों को करना होगा दुरुस्त
मुख्यमंत्री के गड्ढामुक्ति के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दो श्रेणियों में काम करना होगा। पहला, केवल गड्ढे भरे जाएंगे। दूसरा, जहां गड्ढे भरकर काम नहीं चलाया जा सकता, वहां विशेष मरम्मत या नवीनीकरण करना होगा। प्रदेश में सभी विभागों के कुल मार्गों की संख्या 22,45,08 है और कुल लंबाई 3,86,859.914 किमी है। इनमें 71718.288 किमी सड़़कों के गड्ढे भरने होंगे, जबकि 29639.75 किमी का नवीनीकण या विशेष मरम्मत करनी होगी। इस तरह से गड्ढामुक्ति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुल 101358.038 किमी. लंबी सड़कों को दुरुस्त करना होगा। इसके सापेक्ष अभी तक 24669.612 किमी. सड़कों को गड्ढामुक्त किया जा सका है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि बारिश पूरी तरह से थमने के बाद ही इस काम में तेजी आएगी।