
नेपाल में दरम्यानी रात भूकंप आया। तीव्रता 6.6 थी। समय हो रहा था 2 बजकर 12 मिनट। अचानक धरती डोलने की घटना ने लोगों को नींद से उठा दिया। डरे सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए। कुछ देर बाहर रहे और बाद में फिर जाकर सो गए।
लेकिन अब तक भूकंप अपना काम कर चुका था। सुबह जब अंधेरा छंटा, तो पता चला कि भूकंप के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटना हुई है। दर्जनों घर तबाह हो गए और करीब छह लोगों की मौत की पुष्टि की गई। बचाव व राहत कार्य के लिए सेना को लगाया गया, जो अब तक मलबे से दबे घायलों को निकालने में जुटी हुई है।
दरम्यानी रात नेपाल में आए भूकंप ने पूरे उत्तर भारत को हिला कर रख दिया। वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे इसका केंद्र पिथौरागढ़ से 90 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण-पूर्व की तरफ नेपाल में था। इसकी तीव्रता 6.6 रही, जो नेपाल में इस साल आया सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप था।
बीते दो दिनों में तीन भूकंप
नेपाल के सीस्मोलॉजी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, दो दिनों में तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए। देर रात आए भूकंप से पहले पहले मंगलवार को दोती जिले में स्थानीय समयानुसार करीब 9 बजकर 56 मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। वहीं, 9 बजकर 7 मिनट पर 5.7 तीव्रता का भूकंप आया था। ये झटके भी दोती जिले में ही महसूस किए गए।
छह की मौत, पांच घायल
दोती जिले की चीफ डिस्ट्रिक ऑफिसर कल्पना श्रेष्ठा ने बताया, छह लोगों की मौत के अलावा पांच लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं अलग-अलग जगहों पर एक दर्जन से ज्यादा घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं मृतकों में एक महिला व दो बच्चे शामिल हैं। हालांकि, उनकी पहचान किया जाना बाकी है।
सेना को बुलाना पड़ गया
नेपाल में आए इस भूकंप के बाद सेना को बुलाना पड़ गया। अधिकारियों का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में ज्यादा नुकसान की सूचना है। अभी तक जिन घरों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, वहां सेना व अन्य राहत टीमों के द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी हुए नुकसान की जानकारी ली जा रही है।