Uttarakhand : जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए बनेगा कारपस फंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में जनजाति समाज की कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए कारपस फंड बनाया जाएगा। राज्य जनजाति शोध संस्थान में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित गौरव महोत्सव में उन्होंने इसकी घोषणा की। सीएम ने कहा कि हर साल जनजाति गौरव दिवस आयोजित किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में जनजाति छात्रों की बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए आवासीय विद्यालयों की स्थापना पर विचार किया जाएगा। जनजाति कल्याण समिति को भवन के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सीएम ने कहा कि जनजातीय समाज का मजबूत और आत्म निर्भर बनना देश और प्रदेश की उन्नति के लिए जरूरी है।

देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के उल्लेखनीय योगदान के कारण ही पिछले साल प्रधानमंत्री ने हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। इससे जहां एक ओर जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, वहीं गैर जनजातीय समुदाय को भी जनजातीय समाज की कला एवं संस्कृति की विशेषताओं से अवगत होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले की सरकारों में आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, उन्होंने आदिवासी समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया, ये सरकारें दिखावे तक ही आदिवासी समाज के विकास की बात किया करती थी। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक विनोद चमोली, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया, मूरत राम शर्मा, रामकृष्ण रावत, पूर्व मुख्य सचिव एनएस. नपलच्याल आदि मौजूद रहे।

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