
प्रदेश में दुर्गम और महंगी होने की वजह से जो बिजली परियोजनाएं यूजेवीएनएल तैयार नहीं कर पा रहा था, अब उनमें टीएचडीसी का साथ मिलेगा। टीएचडीसी और यूजेवीएनएल संयुक्त उपक्रम के तौर पर काम करेंगे। कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है।
दरअसल, प्रदेश में कई जल विद्युत परियोजनाएं ऐसी हैं जो कि या तो बहुत दुर्गम में हैं या फिर बहुत महंगी हैं। इनका निर्माण करना यूजेवीएनएल के लिए मुश्किल हो रहा है। अब टीएचडीसी के साथ मिलकर इन पर काम होगा। खर्च में से 74 फीसदी टीएचडीसी वहन करेगा और 26 प्रतिशत यूजेवीएनएल करेगा।
हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बनने के बाद जो बिजली पैदा होगी, उसमें से पहले 12 प्रतिशत बिजली रॉयल्टी के तौर पर उत्तराखंड को मिलेगी। बाकी बची 88 प्रतिशत में से अपने हिस्से की 26 प्रतिशत बिजली भी यूजेवीएनएल को मिलेगी। बाकी बिजली टीएचडीसी की होगी।
इन प्रोजेक्ट पर होगा काम
धौलीगंगा में दो प्रोजेक्ट बनेंगे। इनमें बोकांग बेलिंग प्रोजेक्ट टीएचडीसी और उर्थिला सोबला प्रोजेक्ट रिलायंस के पास है, जो वापस देने पर बात चल रही है। अलकनंदा नदी पर लंबासू का प्रोजेक्ट यूजेवीएनएल बनाएगा। झेलम तमक प्राजेक्ट टीएचडीसी और तमक लता प्रोजेक्ट यूजेवीएनएल बनाएगा। रामगंगा नदी पर जसपाल गढ़ पंप स्टोरेज प्लांट को भी मंजूरी दी गई है।