
एनआईए महानिदेशक ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे और चीन की ओर से सहमति मिलना बाकी है। गुप्ता ने स्पष्ट किया कि देश-विशेष चर्चा इस सम्मेलन का एजेंडा नहीं है। सम्मेलन में 73 देशों के प्रतिनिधि, जिनमें 15 से अधिक मंत्री शामिल हैं सभी मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा करेंगे, चाहे वह आतंक का स्रोत हो, धमकी या इसकी फंडिंग।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा, आतंकी फंडिंग के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के पास इसका सबूत है और आतंकी फंडिंग रोकने के इरादे से शुक्रवार को होने वाले दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भी इस पर चर्चा होगी। पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
क्रिप्टोकरेंसी व क्राउडफंडिंग की कमजोर निगरानी पर भी चर्चा
दिनकर गुप्ता ने कहा, दो दिनों में चार में वैश्विक आतंकवाद, उसे मिलने वाले धन, आतंकवाद को औपचारिक व अनौपचारिक मदद, टेरर फंडिंग के नए उभरते तकनीकी तरीके और आतंकवाद के खिलाफ अंतराराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा होगी। क्रिप्टोकरेंसी व क्राउडफंडिंग से आतंकवाद को पोषित करने व सोशल मीडिया की कमजोर मॉनिटरिंग जैसे विषयों पर भी विमर्श होगा। गृह व विदेश मंत्रालय के अधिकारी पाकिस्तान व अफगानिस्तान को न्यौता भेजे जाने के सवाल को टाल गए। इस पर विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बस इतना कहा, चीन को न्यौता भेजा गया है।