
एस्कार्ट फार्म के किसान भी अब पट्टों की भूमि पर मालिकाना हक की मांग के लिए आंदोलन की राह पर चलने की तैयारी कर रहे हैं। वे बरखेड़ा पांडे और गिरधई के किसानों के साथ एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे।
शनिवार को भाकियू के आह्वान पर किसान बरखेड़ा पांडे और गिरधई के 13 किसानों को एसडीएम की ओर से बेदखली नोटिस देने के विरोध में एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे।
एस्कार्ट फार्म के किसान भी उनके पट्टों की भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग के लिए घेराव में शामिल रहेंगे। वर्ष 2004-05 में प्रदेश सरकार ने एस्कार्ट फार्म की लगभग 1100 हजार एकड़ भूमि को खाली कराया था। तकरीबन 250-300 किसान विस्थापित हो गए थे। बाद में सरकार ने विस्थापित किसानों को प्रति किसान तीन एकड़ भूमि आवंटित की है और आवंटित भूमि के पट्टे दिए हैं। पट्टों की भूमि पर किसानों को मालिकाना हक नहीं दिया। एस्कार्ट फार्म के किसान सूबा सिंह, रतन सिंह, कुलदीप सिंह, अमरजीत सिंह, प्रताप सिंह संधू ने बताया कि शनिवार को एस्कार्ट फार्म के किसान पट्टों की भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग के लिए बरखेड़ा पांडे और गिरधई के किसानों के साथ एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे।
भाकियू युवा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू ने कहा कि एस्कार्ट फार्म के किसानों की मांगों के लिए भाकियू गंभीर है। वह बरखेड़ा पांडे गिरधई के किसानों की कब्जे की भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग के साथ ही एस्कार्ट फार्म के पट्टाधारी किसानों की भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग को लेकर आंदोलन चलाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों पर प्रशासन गंभीर नहीं है। किसान नेता ने कहा कि घेराव की तैयारी कर ली है। बड़ी संख्या में किसान घेराव में शामिल रहेंगे। एसडीएम को संयुक्त ज्ञापन दिया जाएगा और आंदोलन शांति पूर्ण रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन का भूमि बचाओ आंदोलन 22वें दिन जारी रहा। एसडीएम की ओर से किसानों को उनके कब्जे की भूमि को सीलिंग की बताकर भूमि से कब्जा हटाने का नोटिस देने से किसानों में रोष है। भाकियू ने 25 नवंबर से किसानों को बेदखली नोटिस के विरोध में ग्राम बरखेड़ा पांडे गिरधई रोड पर धरना शुरू किया था जो आगे चलकर क्रमिक अनशन में बदल गया।