
पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और पार्टी के अन्य सदस्यों फवाद चौधरी और असद उमर के खिलाफ चुनावी निकाय की अवमानना के लिए जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मंगलवार को सुनवाई में पीटीआई नेताओं की आयोग के सामने पेश होने से छूट की मांग को खारिज कर दिया और प्रत्येक के लिए 50,000 रुपये के जमानती बांड के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। सदस्य निसार दुर्रानी की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय ईसीपी पीठ ने आदेश पारित किया और सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
उच्च न्यायालय के फैसले का अपमान: फवाद चौधरी
ईसीपी के फैसले के बाद पीटीआई नेता असद उमर ने ट्वीट किया, ‘चुनाव आयोग ने इमरान खान, मेरे और फवाद चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। वे खुद चुनाव कराने के बजाय इन कामों में लगे हैं। वे खुद अदालत की अवमानना के दोषी हैं।’ पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने के ईसीपी के फैसले को उच्च न्यायालय के फैसले का “अपमान” बताया। उन्होंने इसे ईसीपी के सदस्यों द्वारा एक और “पक्षपातपूर्ण” निर्णय करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ”निर्वाचन आयोग का जमानती वारंट जारी करने का फैसला हाईकोर्ट के फैसले का अपमान है।
बता दें ईसीपी ने पिछले साल पीटीआई नेताओं को अवमानना नोटिस जारी किया था और उन्हें व्यक्तिगत रूप से या अपने वकीलों के माध्यम से आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, पीटीआई नेता आयोग के सामने पेश नहीं हुए। डॉन के अनुसार, पीटीआई नेताओं ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में ईसीपी के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी कि चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 10, जो आयोग की अवमानना के लिए दंडित करने की शक्ति के बारे में वैधानिक प्रावधान है, संविधान के खिलाफ थी।