वैश्विक अर्थव्यवस्था को जिस अप्रत्याशित महंगाई का सामना करना पड़ रहा है उससे मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों में तनाव बढ़ रहा है। यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सत्र में कही है। गोपीनाथ ने कहा, ‘मौजूदा समय में हम ऐसी महंगाई देख रहे हैं जो पहले कभी नहीं देखी गई। इस समय यह ऊंचाई के नए स्तर छू रही है लेकिन यह नीचे भी आएगी। लेकिन इसकी वजह से फिलहाल राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है।’
महंगाई से दुनियाभर में कई तरह के झटके
गोपीनाथ ने कहा कि महंगाई के कारण विश्व कई तरह के झटके झेल रहा है। ये झटके खाद्यान्न, ऊर्जा और अन्य आवश्यक वस्तुओं के हैं। ये सब मिलकर मौजूदा समय को मुश्किल बना रहे हैं। लेकिन इसका एक फायदा भी है कि उससे कर्ज कम हो रहा है। 2020 में वैश्विक जीडीपी के सापेक्ष जो कर्ज 99 प्रतिशत तक चला गया था, वह घटकर अब 91 प्रतिशत पर आ गया है।