
रबी की फसलों के लिए बढ़ता पारा संकट बन सकता है, फरवरी सामान्य से ज्यादा गर्म रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने मार्च के लिए कृषि क्षेत्र की बिजली पर अभी से रणनीति बना ली है। बिजली विभाग ने एक करोड़ यूनिट बिजली खरीदने का निर्णय लिया है। यह बिजली कृषि क्षेत्र के लिए खरीदी जाएगी। अमूमन फिलहाल प्रदेश में बिजली की खपत 14 करोड़ यूनिट तक चल रही है, मार्च के प्रथम सप्ताह में यह एक से दो करोड़ और बढ़ सकती है।
सबसे बड़ी मांग कृषि क्षेत्र में आएगी, क्योंकि फसल के पकने का समय होगा। बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास के अनुसार, एक करोड़ यूनिट बिजली की खरीद होगी। इस बार बिजली सप्लाई किसानों को मार्च में दिन में ही उपलब्ध कराई जाएगी। मार्च में इतनी बिजली की खपत नहीं होती, लेकिन बरसात न होने के कारण मार्च में कृषि क्षेत्र के लिए बिजली की डिमांड बढ़ जाएगी।
बिजली की कमी दूर करने के लिए शार्ट टर्म, लोंग टर्म खरीद की जाती है, बिजली बैंक भी की जाती है। अबकी बार भी डोमेस्टिक कोयले की कमी रह सकती है, हालांकि हरियाणा के पास फिलहाल 8 से 10 दिन का कोयला पावर प्लांट के लिए बचा हुआ है।
प्रदेश में रबी की फसल करीब 32 लाख हेक्टेयर में हैं। इनमें सबसे बड़ी फसल गेहूं 25 लाख हेक्टेयर में है। गेहूं की फसल को मार्च में सिंचाई जरूरी होती है। पानी की कमी के चलते नहरी पानी भी देरी से आ रहा है, ऐसे में ट्यूबवेल के पानी की दरकार होगी।