सरकारी नियमों के खिलाफ रिटेल कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने आंदोलन को बिगुल बजा दिया है। मंगलवार को उन्होंने मेयर जोगेंद्र सिंह रौतेला के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। उन्होंने नियमों में शिथिलता देने की मांग उठाई। साथ ही एक अप्रैल से दुकानें बंद करने की चेतावनी भी दी।
एसोसिएशन ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान लोगों की जान बचाने के लिए दवा कारोबारी दुकान खोलकर सेवा में जुटे थे। अब कोरोनाकाल बीत गया है तो सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है। नए आदेशों का पालन करना मुश्किल हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो मेडिकल स्टोर बंद करने पड़ेंगे। उन्होंने मांग उठाई कि मुख्यमंत्री से संगठन की वार्ता कराई जाए, जिससे वे अपनी बात रख सकें। इस दौरान विवेक भसीन, राजेश चंद्र जोशी, लव, प्रदीप जोशी, जगदीश चंद्र पंत, राजेश पंत, हसनैन रजा, एहतेशाम, राजू बिष्ट आदि थे।
आरोप : 83 साल पुराना नियम थोपा
दवा कारोबारियों ने बताया कि सरकार ने अंग्रेजों के 83 साल पुराने नियम को फिर से दवा विक्रेताओं पर थोप दिया है। पहले दवाओं को पीस दिया जाता है। सीरप को छोटी-छोटी बोतलों में दिया जाता था। तब फार्मासिस्ट की जरूरत होती थी। आज के समय दुकान पर फार्मासिस्ट रखना समझ से परे हैं। हल्द्वानी में दवा के 753 फुटकर व्यापारी हैं। इनमें से 80 प्रतिशत दवा कारोबारी वे हैं जो मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं। नए नियम की वजह से उन पर फार्मासिस्ट रखने का बोझ और बढ़ाया जा रहा है।