
शैक्षणिक संस्थानाें के संचालकों और फिनो पेमेंट बैंक के एजेंटों की मिलीभगत से अंजाम दिए गए छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। चार दिन पहले दर्ज इसी केस के आधार पर ईडी ने लखनऊ पुलिस से भी मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया था जिसके बाद शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली में ईडी की जांच में आरोपी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर सकती है। बताते चलें कि पंजाब में इसी तरह अंजाम दिए गए केंद्र्रीय छात्रवृत्ति घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों, अल्पसंख्यकों, दिव्यांगों को दी जाने वाली केंद्रीय छात्रवृत्ति की रकम को हड़पने वाले 13 कॉलेज संचालकाें और फिनो बैंक के मैनेजर व चार एजेंटों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। ईडी की जांच में सामने आया है कि लखनऊ स्थित हाईजिया ग्रुप के संचालक इस घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।
उन्होंने ही तमाम कॉलेजों का संपर्क फिनो बैंक के एजेंटों से कराया जिसके बाद 3000 से ज्यादा फर्जी बैंक खाते खोलकर छात्रवृत्ति की रकम हड़प ली गई। इससे पहले, ईडी ने बीती 16 फरवरी को लखनऊ, बरेली, फर्रुखाबाद, हरदोई के कई कॉलेजों में छापा मारा था। करीब डेढ़ माह से जारी ईडी की जांच में कॉलेजाें में करीब 150 करोड़ रुपये का घोटाला होने के पुख्ता सुबूत मिलने पर मनी लांड्रिग का केस दर्ज किया गया है। ईडी ने आरोपी कॉलेज संचालकों को समन जारी कर पूछताछ करना शुरू कर दिया है।
कई शहरों में मिली संपत्तियां
ईडी की जांच में कॉलेज संचालकों की कई शहरों में बेनामी संपत्तियां होने का पता चला है। ये संपत्तियां किसके नाम पर हैं, इसकी जानकारी के लिए संबंधित जिलों के रजिस्ट्री कार्यालयों से दस्तावेज तलब किए हैं। साथ ही, करीबी रिश्तेदारों और कर्मचारियों के बैंक खातों में भी तमाम संदिग्ध लेन-देन मिले हैं।