
प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने की साजिश रचने वाला नकल माफिया मुकेश सैनी लंबे समय से परीक्षाओं में नकल करवा रहा है। वर्ष 2016 में वह पहली बार पकड़ गया। तब पुलिस ने आरोपित के नारसन स्थित कोचिंग सेंटर ‘ओजस्वी करियर इंस्टीट्यूट’ से ब्लूटूथ डिवाइस और परीक्षा के बदले अभ्यर्थियों से लिए गए लाखों रुपये बरामद किए। इसके बाद दो बार नकल करवाते हुए वह पकड़ा गया। अब सरकार ने सख्त नकलरोधी कानून लागू कर दिया है, जिसमें कठोर सजा का प्रविधान है, लेकिन नकल माफिया पर कानून का खौफ भी नहीं दिख रहा है।
वर्ष 2016 में विभिन्न विभागों के लिए हुई प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नकल माफिया मुकेश सैनी ने परीक्षा में पास करवाने के लिए अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लिए। मंगलौर थाना पुलिस ने 12 जुलाई 2016 को आरोपित के कोचिंग संस्थान ओजस्वी करियर इंस्टीट्यूट से लाखों रुपये और कुछ ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद किए थे। तब पुलिस ने आरोपित मुकेश सैनी के खिलाफ धोखाधड़ी व आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया।
इसके बाद वर्ष 2018 में नकल माफिया ने ओजस्वी करियर इंस्टीट्यूट की आड़ में एलटी की परीक्षा का पेपर लीक करवाने के एवज में कुछ अभ्यर्थियों से 15-15 लाख रुपये में सौदा किया था। उसने एडवांस में इन अभ्यर्थियों से पांच-पांच लाख रुपये भी ले लिए थे। इस प्रकरण में मंगलौर थाना पुलिस ने मुकेश कुमार सैनी सहित चार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया।
वर्ष 2020 में हाकम के साथ रची पेपर लीक करने की साजिश
मुकेश सैनी नकल माफिया हाकम सिंह का सहयोगी रहा है। ऐसे में दोनों ने गिरोह बनाकर ओजस्वी करियर इंस्टीट्यूट की आड़ में वन आरक्षी के पेपर में नकल करवाने की योजना बनाई। माफिया मुकेश सैनी ने अभ्यर्थियों से चार-चार लाख रुपये लेकर ब्लूटूथ से नकल करवाने की बात कही थी। कुछ अभ्यर्थियों को जब पेपर नहीं मिला तो उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद नकल प्रकरण का पर्दाफाश हुआ। तब आरोपितों ने अभ्यर्थियों के साथ समझौता कर मामला रफा-दफा भी करवा दिया था।