Nirmala Sitharaman: देश की नकारात्मक पश्चिमी धारणा पर बोलीं सीतारमण- दूसरों की न सुनें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक समूह की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई) में कोरोना महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार पर बयान दिया।

निर्मला सीतारमण ने कहा यह निश्चित रूप से भारतीय लोगों की उद्यमी प्रकृति है। अपनों को खोने के बावजूद, भारतीयों ने अवसर देखा कि वे इस चुनौती को स्वीकार कर सकते हैं और बाहर आकर एक दूसरे की मदद कर सकते हैं।

सीतारमण ने देश की नकारात्मक पश्चिमी धारणा पर दिया जवाब

साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की नकारात्मक पश्चिमी धारणा पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में जो हो रहा है, उस पर एक नजर डालें, न कि उन लोगों द्वारा बनाई जा रही धारणाओं को सुनें, जो जमीन पर गए ही नहीं हैं और रिपोर्ट पेश कर रहे हैं।

PIIE में बोलीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वाशिंगटन में PIIE के बातचीत में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं चाहती हूं कि विश्व व्यापार संगठन और अधिक प्रगतिशील हो, सभी देशों को सुने, सभी सदस्यों के प्रति निष्पक्ष हो। इसे उन देशों की आवाजों को सुनने के लिए और अधिक अवसर देना होगा, जिनके पास कहने के लिए कुछ अलग है और न केवल सुनें बल्कि ध्यान भी दें।

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