
यूपीसीएल ने बाजार से बिजली खरीद के लिए नियामक आयोग से अनुमति मांगी थी। चूंकि यह बिजली खरीद आकस्मिक की जानी थी, लिहाजा नियामक आयोग ने उस वक्त इसे सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए बाद में इसकी याचिका दायर करने के निर्देश दिए थे। यूपीसीएल ने इसके बाद एक याचिका पीपीए को एप्रूवल की दायर की थी, जिस पर नियामक आयोग ने सुनवाई की।
शॉर्ट टर्म टेंडर के माध्यम से खरीदी थी बिजली
इस याचिका में यूपीसीएल ने बताया कि उन्होंने अडानी एंटरप्राइजेस से नौ रुपये प्रति यूनिट की दर पर 200 मेगावाट, टाटा पावर से 8.31 रुपये प्रति यूनिट की दर से 100 मेगावाट और एंबिशियस पावर से 8.32 रुपये प्रति यूनिट की दर से 25 मेगावाट बिजली खरीदी थी।
शुक्रवार को नियामक आयोग में अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की खंडपीठ ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए पीपीए एग्रीमेंट को सही ठहराया। इसमें कुछ त्रुटियां थीं, जिन्हें 15 दिन के भीतर सही करने के निर्देश दिए हैं। यूपीसीएल ने ये बिजली शॉर्ट टर्म टेंडर के माध्यम से खरीदी थी।
मौसम से इस साल यूपीसीएल को सुकून
मई में बिजली की मांग और उपलब्धता के नजरिये से देखें तो इस बार मौसम की मेहरबानी के चलते यूपीसीएल को काफी सुकून है। पिछले साल मई के शुरुआती सप्ताह में बिजली की मांग पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई थी जो कि इस वक्त चार करोड़ 20 लाख यूनिट के करीब है। उधर, बारिश होने की वजह से यूजेवीएनएल का बिजली उत्पादन भी पिछले साल मई के मुकाबले इस साल करीब 50 लाख यूनिट अधिक हो रहा है। यूपीसीएल के पास पर्याप्त बिजली होने की वजह से फिलहाल कटौती से भी राहत है।