
लीबिया की एक अदालत ने सोमवार को इस्लामिक स्टेट के 23 संदिग्ध आतंकियों को मौत की सुनाई। इन पर घातक हमला करने का आरोप था, जिसमें मिस्त्र के काप्टिक ईसाइयों समेत दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी।
14 आतंकियों को उम्रकैद की सजा
पश्चिमी शहर मिसराटा की अपील अदालत ने 14 आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इन्हें समान आरोपों में दोषी ठहराया गया, जिसमें पुलिस की इमारतों एवं सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान शामिल है। कोर्ट ने नौ अभियुक्तों को तीन से 12 साल की कैद की सजा सुनाई और पांच संदिग्धों को बरी कर दिया।
इस्लामिक स्टेट और अन्य चरमपंथी समूहों ने 2011 के विद्रोह के बाद फैली अराजकता का लाभ उठाया और लंबे समय तक शासक रहे मुअम्मर गद्दाफी को मार डाला। उन्होंने तटीय शहर सिर्ते, गद्दाफी के जन्मस्थल और पूर्वी लीबिया के डर्ना समेत अन्य शहरों पर कब्जा कर लिया था।
दिसंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार के सुरक्षा बलों ने सिर्ते से आतंकियों को निकाला था। पूर्वी बेस कमांडर खलीफा हिफ्तर की सेना ने दो साल बाद डर्ना को प्राप्त किया था। कथित इस्लामिक स्टेट के सैकड़ों लड़ाके लीबिया की जेलों में बंद हैं और ट्रायल का इंतजार कर रहे हैं।