Cyclone Biparjoy: बिपरजॉय के चलते कच्छ में कांडला बंदरगाह को किया गया बंद

अरब सागर में बना चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के गुरुवार शाम को गुजरात में कच्छ जिले के जखाऊ में जमीन से टकराने की संभावना है। इसके प्रभाव से अभी से तटवर्ती इलाकों में समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरें तटों से टकराने लगी हैं। जिसके कारण कांडला बंदरगाह को बंद कर दिया गया है। बंदरगाह बंद होने से सैकड़ों ट्रक कच्छ के गांधीधाम में खड़े हो गए हैं। चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए पश्चिम रेलवे ने अब तक करीब 95 ट्रेनों को रद्द किया या उनकी दूरी को कम किया है। ये ट्रेनें 15 जून तक रद्द रहेंगी।

वहीं, ऐहतियात के तौर पर तटों से 10 किमी के दायरे से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेज कर दिया गया है। चक्रवात के प्रभाव में आने की संभावना वाली सभी आबादी को निकाला जा रहा है। जगह-जगह अस्थायी आश्रय घर बनाए गए हैं, जहां खाने-पीने से लेकर दवा की व्यवस्था की गई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बिपरजॉय बहुत ही विनाशकारी क्षमता वाला है। गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि संभावित खतरे को देखते हुए तटीय इलाकों से लोगों को दो चरणों में निकालने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में तटों से पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जा रहा है। दूसरे चरण में 5-10 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जाएगा।

दक्षिणी राजस्थान तक पड़ सकता है प्रभाव
अहमदाबाद में आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने बताया कि 15 जून की शाम को कच्छ के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच जखाऊ में जमीन से टकराने के बाद चक्रवात कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन यह उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ता रहेगा जो दक्षिण राजस्थान तक जा सकता है। जमीन से टकराने के दौरान हवा की रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटे की होगी जो 150 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। उत्तर गुजरात में 15-17 जून तक मूसलाधार बारिश हो सकती है। सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका में आंधी के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। समुद्र में मछली पकड़ने से संबधित गतिविधियों पर पहले ही 16 जून तक रोक लगा दी गई है।

तेल कुएं से 50 लोगों को निकाल
समुद्र के रौद्र रूप लेने के बाद तेल कुओं से भी लोगों को निकालने का काम शुरू हो गया है। भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने द्वारका तट से करीब 40 किमी दूर तेल के कुएं ‘की सिंगापुर’ पर तैनात 50 लोगों को अभियान चलाकर निकाला है। आईसीजी ने हेलिकॉप्टरों और जहाजों ने बेहद ही खराब मौसम और समुद्र की तेज उठती लहरों के बीच इस अभियान को अंजाम दिया।

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