
फर्जी तरीके से आवासीय कालोनी में भूखंड बेचने के नाम पर दिल्ली की एक महिला के साथ 15 लाख की ठगी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने महिला की तहरीर पर बिल्डरों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली निवासी निवेदिता शर्मा ने शिकायत देकर बताया कि 2013 में मैसर्स ऑक्टोगॉन बिल्डर्स एवं प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से हरिद्वार में आवासीय कॉलोनी में भूखंड खरीदने के लिए संपर्क किया था। आरोप है कि उस वक्त लोगों को भ्रम में डालने के लिए अखिल भारतीय आवास योजना का नाम दिया गया था। आरोप है कि 150 वर्ग गज का प्लाट बुक कराते हुए 5000 की रकम कंपनी को जमा कराई थी। कंपनी के कर्मचारियों ने उसकी मुलाकात कंपनी के निदेशक कुलदीप नांद्राजोग से कराई थी। जिसके बाद आवासीय कॉलोनी में भूखंड आवंटित करने के नाम पर देने की बात कही गई। वर्ष 2015 को एक लिखित एनओसी मिलने के बाद उसने 15 लाख की रकम अदा कर दी थी। जिसके बाद जल्द आवासीय प्लाट का बैनामा कराने का भरोसा दिलाया गया था।
आरोप है कि कंपनी के निदेशक ने भूखंड का एरिया बढ़ाकर 165 वर्ग गज कर दिया था। जिसकी राशि ज्यादा कर दी थी। वर्ष 2017 में भूखंड का बैनामा होने का वादा किया था। लेकिन उसके बाद कई बार संपर्क करने के बाद भी पीड़ित के पक्ष में बैनामा नहीं हुआ। वर्ग 2098 कंपनी के नोएडा कार्यालय पहुंचने पर पता चला कि निदेशक कुलदीप नांद्राजोग और उसके भाई सतपाल नांद्राजोग ने कई लोगों से इसी तरह धोखाधड़ी धोखाधड़ी की है। बहादराबाद क्षेत्र में उनके बताए स्थान पर पहुंचकर पता चला कि आवासीय कॉलोनी के लिए कोई भूमि नही खरीदी गई थी। थाना प्रभारी रविंद्र शाह ने बताया कि इस संबंध में पीड़िता की तहरीर पर कंपनी के निदेशक भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित प्रभारी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।