
पछवादून क्षेत्र में डेंगू का डंक बेकाबू होता जा रहा है। उप जिला अस्पताल में आठ डेंगू संक्रमित और दो संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। वहीं करीब 50 लोगों के सैंपल एलाइजा जांच के लिए देहरादून भेजे गए हैं। डेंगू पीड़ितों को फिलहाल लक्षणों के आधार पर उपचार दिया जा रहा है, लेकिन अगर मरीजों के खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है तो अस्पताल के पास उनको रेफर करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
रविवार को उप जिला अस्पताल में पड़ताल के दौरान डेंगू के उपचार के दावों की खोखली हकीकत सामने आई। अस्पताल में सबसे अधिक संख्या बुखार के मरीजों की पाई गई। सर्जिकल वार्ड समेत तीनों वार्डों में डेंगू के मरीज भर्ती मिले। इनमें से आठ डेंगू पॉजिटिव और दो संदिग्ध मरीज हैं। मरीजों ने बताया कि उनको बुखार और कमजोरी की दवा दी जा रही है।
कुछ मरीजों को ड्रिप भी लगी थी। मरीजों ने बताया कि उनको उल्टी और मितली आने की समस्या थी। शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए चिकित्सक ने स्वास्थ्यकर्मियों को ड्रिप लगाने के लिए कहा था। इस दौरान कुछ डेंगू के मरीजों के रेफर होने की बात भी सामने आई।
पूछताछ करने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि अस्पताल में ब्लड बैंक न होने से प्लेटलेट्स यूनिट भी उपलब्ध नहीं है। बताया कि डेंगू के मरीजों को गंभीर हालत में प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। प्लेटलेट्स उपलब्ध न होने के चलते गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।अस्पताल में पहले छह बेड का डेंगू आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था, लेकिन अब सभी वार्डों में बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या डेंगू पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की है। अभी 50 मरीजों की एलाइजा रिपोर्ट आनी है। ऐसे में डेंगू के मरीजों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है।