
वाशिंगटन में एक भारतीय नागरिक को धोखाधड़ी और फ्रॉड करने के लिए दोषी ठहराया गया है। दरअसल, आरोपी ने प्रतिस्थापन सेल्युलर उपकरणों के लिए फर्जी दावे प्रस्तुत करने और फिर उन उपकरणों को संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर बेचने के लिए नकली पहचान का उपयोग करके विभिन्न टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को लाखों डॉलर की धोखाधड़ी की है। एक अमेरिकी वकील ने इस बात की जानकारी दी गई है।
अमेरिकी अटॉर्नी फिलिप आर सेलिंगर ने कहा कि नेवार्क के 42 वर्षीय पराग भावसार ने अमेरिकी जिला न्यायाधीश मैडलिन कॉक्स अर्लेओ के सामने अपना अपराध कबूल किया। इसके बाद पराग पर मेल धोखाधड़ी की साजिश रचने का एक मामला और चोरी की संपत्ति के अंतरराज्यीय हस्तांतरण की साजिश का एक मामला दर्ज किया।
पराग और उसके सहयोगियों ने न्यू जर्सी के साथ ही राज्य भर में मेलबॉक्स और स्टोरेज इकाइयों का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें जानकारी को तीसरे पक्ष को बेचे जाने से पहले स्टोर कर के रखा जाता था।
संघीय अभियोजकों ने कहा कि पराग और उसके सहयोगियों की योजना के परिणामस्वरूप सेलुलर टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ।