
सरकारी आवास रद्द करने और सात जनवरी 2024 तक इसे खाली करने के आदेश के खिलाफ हाल ही में लोकसभा से निष्कासित की गई तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट चार जनवरी को सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने नोट किया कि निष्कासन के विरुद्ध मोइत्रा की याचिका पर तीन जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई है।
साथ ही यह भी देखा कि उन्हें भवन सात जनवरी तक खाली करने का आदेश दिया गया है। ऐसे में पीठ ने मामले की सुनवाई चार जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
मोइत्रा ने दिल्ली सरकार के संपदा निदेशालय द्वारा जारी आदेश को चुनौती दी है। आदेश के तहत मोइत्रा का सरकारी आवास 14 दिसंबर से रद्द कर दिया गया था और सात जनवरी, 2024 तक इसे खाली करने का निर्देश दिया गया।
मोइत्रा ने इसके साथ ही वर्ष 2024 के आम चुनावों के नतीजों तक सरकारी आवास पर अपना कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का निर्देश की भी अदालत से मांग की है।
मोइत्रा को अनैतिक आचरण का दोषी ठहराया गया था और आठ दिसंबर को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर उपहार स्वीकार करने और उनके साथ संसद वेबसाइट की यूजर आइडी और पासवर्ड साझा करने के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था।