
राम जन्मभूमि न्यास की तरफ से अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आमंत्रित कांग्रेस नेता मंदिर जाने के राजनीतिक नफा-नुकसान के गणित में इतने उलझे हैं कि अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें जाना है या नहीं। विपक्ष के इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की साथी सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। वहीं, गठबंधन के अन्य प्रमुख नेताओं में से ममता बनर्जी भी अयोध्या नहीं जा रही हैं, जबकि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव तय नहीं कर पा रहे हैं कि वे शामिल होंगे या नहीं। अखिलेश यादव कह चुके हैं कि उन्हें निमंत्रण मिला, तो वे जाएंगे। इसी तरह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा, अगर निमंत्रण मिलेगा तो कार्यक्रम में जरूर शामिल होंगे।
केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा है कि कांगेस में केवल चार लोगों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया है। लिहाजा वह मानते हैं कि इस बारे में सभी को व्यक्तिगत फैसला करना चाहिए। हालांकि, अगर पार्टी कोई सामूहिक फैसला करती है, तो उसे सभी को मानना चाहिए। थरूर ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना है या नहीं, इसे लोगों के व्यक्तिगत तार्किक चुनाव पर छोड़ देना चाहिए। सीपीआई-एम के फैसले पर थरूर ने कहा कि उनके लिए फैसला करना आसान है, क्योंकि वे किसी धर्म को नहीं मानते हैं।