
सिविल जज (सीनियर डिवीजन)/फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार सिंह-II की अदालत ने ज्ञानवापी सर्वे की एएसआई रिपोर्ट की प्रति प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर के मुकदमे के सभी पक्षकारों को देने का आदेश दिया है। इससे पहले एएसआई ने जिला जज की अदालत में रिपोर्ट दाखिल की थी। इस रिपोर्ट को मुकदमे के वादी सार्वजनिक कर चुके हैं। अब दूसरी बार रिपोर्ट सामने आ सकती है।
अदालत ने अब मुकदमे की सुनवाई की अगली तिथि पांच फरवरी नियत की है। इस बीच एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के संबंध में वादी और प्रतिवादी पक्ष अपनी आपत्तियां अदालत में दाखिल कर सकते हैं।
सिविल कोर्ट में वर्ष 1991 में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर का मुकदमा दाखिल किया गया था। बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि ज्ञानवापी में एएसआई द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट इस मुकदमे में भी दाखिल की जाए। साथ ही मुकदमा का निस्तारण छह महीने में किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में ही अदालत ने भगवान विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
इसी मुकदमे के मूल वादी हरिहर पांडेय की मृत्यु के बाद उनके स्थान पर उनके दो पुत्रों का नाम दर्ज करने के आवेदन पर भगवान विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की तरफ से दाखिल आपत्ति पर अदालत ने सुनवाई की है।