
भारत को 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन बेचने की योजना पर बाइडन प्रशासन ने अभी तक अमेरिकी कांग्रेस को सूचित नहीं किया है। सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका प्रस्तावित सौदे के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रहे हैं। दूसरी तरफ, भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि करीब 3 अरब डॉलर के इस रक्षा सौदे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है, लेकिन उन्होंने इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं दी कि खरीद पर कब मुहर लगेगी।
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स ने कहा कि हम अमेरिकी कांग्रेस के साथ रक्षा नीतियों के अनुरूप संभावित हथियार बिक्री पर चर्चा कर रहे हैं। उनकी प्रतिक्रिया तब आई जब उनसे पूछा गया कि वाशिंगटन ने भारत को ड्रोन बिक्री पर क्या रोक लगा दी है। बताया जा रहा है कि सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की असफल साजिश में एक भारतीय के लिंक होने के आरोप के बाद ड्रोन खरीद बातचीत की गति धीमी हो गई है।
पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया था। फिलहाल, आरोपों की जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है।
गौरतलब है कि भारतीय जांच एजेंसियों को विभिन्न आतंकी आरोपों में शामिल तथाकथित ‘सिख फॉर जस्टिस’ के नेता पन्नू की तलाश है। भारत सरकार से सरकारी ढांचे के तहत अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर लॉन्ग एंड्योरेंस सशस्त्र ड्रोन खरीदने के लिए ऐतिहासिक सौदे पर मुहर लगाने पर विचार कर रहा है।
सी गार्जियन ड्रोन तीनों सेवाओं के लिए खरीदे जा रहे हैं क्योंकि वे समुद्री निगरानी, पनडुब्बी रोधी युद्ध और क्षितिज से अधिक लक्ष्यीकरण सहित कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं। वहीं, नौसेना को 15 सी गार्डियन ड्रोन मिलेंगे, इसके अलावा भारतीय वायु सेना और थल सेना प्रत्येक को आठ स्काई गार्डियन ड्रोन मिलेंगे।