
अमरोहा के मंडी धनौरा क्षेत्र निवासी सीआरपीएफ जवान जयसिंह के खाते से 11 लाख 35 हजार रुपये उड़ाने वाले झारखंड के दो साइबर ठगों को दबोच लिया। आरोपियों ने जवान को रिचार्ज का पैसा वापस कराने का झांसा देकर एनीडेस्क एप डाउन लोड कराकर साइबर ठगी को अंजाम दिया था। साइबर अपराध थाने की पुलिस मुख्य आरोपी रियाज की तलाश में जुटी है।
एसपी क्राइम सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि सात जनवरी 202 को अमरोहा के मंडी धनौरा के मर्गुपुर बछरायूं निवासी महीपाल ने केस दर्ज कराया था। जिसमें महीपाल ने बताया था कि उनका भाई जय सिंह सीआरपीएफ में कार्यरत है। उसकी तैनाती कश्मीर के कुपवाड़ा में चल रही है। दो जनवरी 2022 को उन्होंने 479 रुपये का फोन-पे से रिचार्ज किया था।
पैसे कट गए लेकिन रिचार्ज नहीं हुआ था। तब जय सिंह ने गूगल से कस्टमर केयर का नंबर सर्च कर कॉल की थी। कॉल रिसीव करने वाले ने 29 मिनट बात की और पैसे वापस करने का आश्वासन देकर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करा लिया था। इसके बाद डेबिट कार्ड स्कैन कर लिया था। इसके बाद जय सिंह के खाते से 11 लाख 35 हजार रुपये अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर ली गई थी।
पांच लाख से अधिक की साइबर ठगी होने के कारण डीआईजी के आदेश इस मामले की जांच मंडल स्तरीय साइबर अपराध थाने की पुलिस ने की। विवेचना के दौरान शाहबुद्दीन, मो. शनाउल और रियाज के नाम प्रकाश में आए। शाहबुद्दीन और मो. शनाउल झारखंड के देवघर जनपद के मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी हैं।