पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने महतो समुदाय की आबादी की गणना के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है। बता दें कि राज्य में पहले से ही अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की लंबे समय मांग लंबित है।
एक प्रशासनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने कहा कि उनकी सरकार भी आदिवासियों की मांग के मुताबिक केंद्र को पत्र लिखकर सरनावाद को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की मांग करेगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू करेंगी।
बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर केंद्र एक अप्रैल तक पीएम आवास योजना का बकाया नहीं चुकाता है, तो उनकी सरकार योजना के तहत लाभार्थियों के लिए 11 लाख घर बनाएगी।
सीएम ममता ने आगे कहा, ‘महतो समुदाय की लंबे समय से मांग है कि उन्हें एसटी घोषित किया जाए। लेकिन, मैं उन्हें बता दूंगी कि यह मेरे हाथ में नहीं है तो, कृपया इसके लिए मुझे दोष न दें। मैं आपको सूचित करना चाहूंगी कि हमने राज्य में महतो आबादी का वास्तविक प्रतिशत जानने के लिए एक भौगोलिक सर्वेक्षण शुरू किया है। हमारे पश्चिम बंगाल में 6 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी है।’
लोकसभा चुनाव से पहले बनर्जी की घोषणाओं को राज्य के पश्चिमी भाग में जंगल महल क्षेत्र में अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए महतो और आदिवासियों दोनों को लुभाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है, जिसे 2019 में भाजपा ने जीत लिया था।