मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयुष विभाग की 238 करोड़ रुपये की 271 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। लोक भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आयुष हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।
युवाओं को इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में नौकरियां व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और औषधीय पौधे उगाने से किसानों की आय भी बढ़ेगी। आज भारत परंपरागत चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। उप्र तो आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि और शल्य चिकित्सा के जनक सुश्रुत की धरती है। ऐसे में यहां तो इसे बढ़ावा मिलेगा ही।
योगी ने कहा कि कोई भी जड़ी ऐसी नहीं है जो औषधीय गुणों से भरपूर न हो लेकिन अज्ञानता व उपेक्षा किए जाने के कारण आयुष हाशिए पर रहा। जिन कर्णधारों पर इसे बढ़ाने का जिम्मा था उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने इसकी ताकत पहचानी और अलग आयुष विभाग बनाया। अब दुनिया इस परंपरागत चिकित्सा पद्धति की ओर तेजी से बढ़ रही है। उप्र में भी आयुष के क्षेत्र में तमाम कार्य किए गए।
गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय खोला गया और अब आयुष महानिदेशालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष से संपूर्ण आरोग्यता का लक्ष्य इससे आसानी से हासिल किया जा सकता है और जो इस पद्धति से जीवन यापन करता है वह कभी बीमार नहीं पड़ता। अगर किन्हीं कारणों से रोग हो भी जाता है तो वह उससे आसानी से मुकाबला करने में सक्षम होता है। कोरोना महामारी में आयुष काढ़ा दुनिया भर में लोगों ने पिया।