
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों की झड़प के बाद से दोनों देशों के संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं। सैन्य गतिरोध के बाद से दोनों देशों में कई बार शांति वार्ता हुई, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकल पाया।
जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ हम सभी शेष मुद्दों के समाधान की उम्मीद करते हैं और इस बात पर जोर दिया कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों की वापसी सीमा पर शांति पर ही निर्भर करती है। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को तरजीह दी जा रही है उनमें “गश्ती अधिकार” और “गश्ती क्षमता” शामिल है।
जयशंकर ने आगे कहा कि चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग हो गई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का साफ कहना है कि चीनी पक्ष को यह एहसास होना चाहिए कि मौजूदा स्थिति उसके हित में नहीं है।
मोदी ने कहा था कि सीमा की स्थिति पर तत्काल बातचीत करने की जरूरत है और भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जयशंकर ने कहा कि कूटनीति धैर्य का काम है और भारत चीनी पक्ष के साथ मुद्दों पर चर्चा करता रहता है। उन्होंने गुरुवार को साक्षात्कार के दौरान कहा कि मैं कहूंगा कि अगर रिश्ते को सामान्य बनाना है तो हमें सभी मुद्दों को हल करने की जरूरत है।