UTTARAKHAND : फिर मंडराने लगा खतरा…उत्तराखंड में अलर्ट जारी, अस्पतालों में वायरस से निपटने के इंतजाम शुरू

एचएमपीवी और सीजनल इन्फ्लूएंजा के प्रसार को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने किए सख्त इंतजाम

भारत में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) और सीजनल इन्फ्लूएंजा के मामलों में वृद्धि के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने इन संक्रमणों से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। अस्पतालों में उपकरणों को दुरुस्त करने, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आईवी इंजेक्शन, फ्लूड जैसी जरूरी चीजों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, नागरिकों को संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।

  • अस्पतालों में व्यवस्था: सीएमओ डॉ. हरीश पंत के अनुसार, एसटीएच (डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल), बीडी पांडे अस्पताल और बेस अस्पताल में 100 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में दो-दो बेड रिजर्व किए गए हैं। आवश्यकता पड़ने पर, निजी अस्पतालों को भी निर्देश जारी किए जाएंगे।
  • दवाओं की उपलब्धता: अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है और संक्रमित मरीजों के लिए आईवी इंजेक्शन और फ्लूड की व्यवस्था की गई है। बेस अस्पताल के पीएमएस डॉ. केके पांडे ने पुष्टि की कि अस्पताल में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं।
  • एचएमपीवी किट की खरीदी: मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने एचएमपीवी वायरस की जांच के लिए आईसीएमआर के निर्देशों के तहत किट खरीद ली है। डॉ. उमेश, विभागाध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।

स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सलाह:

  • संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: खासकर बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
  • हाइजीन का ध्यान रखें: छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को मास्क से ढकने और हाथों को साबुन-पानी से धोने की सलाह दी गई है।
  • भीड़-भाड़ से बचें: सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और स्वच्छता के नियमों का पालन करें।
  • सही खानपान और हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीने और पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी गई है।
  • लक्षणों पर ध्यान दें: सर्दी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।

अस्पतालों में लापरवाही:
हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन अस्पतालों में लापरवाही भी नजर आ रही है। हाल ही में, अस्पतालों की ओपीडी में मरीज एक दूसरे के बहुत करीब दिखे, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बनी रहती है।

निष्कर्ष:
एचएमपीवी और सीजनल इन्फ्लूएंजा के प्रसार को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन नागरिकों को भी नियमों का पालन करते हुए एहतियात बरतने की जरूरत है।

डॉ. उमेश का बयान:
“एचएमपीवी सामान्य सर्दी-जुकाम के लक्षणों के साथ आता है और तीन से पांच दिनों में खुद ठीक हो सकता है, लेकिन उचित दूरी और सावधानी रखने से संक्रमण का प्रसार कम किया जा सकता है।”

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