भारत में एचएमपीवी वायरस कमजोर, पांच अन्य वायरस का प्रसार तेजी से बढ़ा: आईसीएमआर रिपोर्ट
भारत में ह्यूमन मेटापेनमोनवायरस (एचएमपीवी) का प्रसार इस समय कमजोर स्थिति में है, जबकि पिछले तीन महीनों में पांच अन्य वायरसों ने तेजी से फैलाव दिखाया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की हालिया सर्विलांस रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है, जिसमें एच1एन1 (स्वाइन फ्लू), एच3एन2, विक्टोरिया, कोरोना और आरएस वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इन सभी वायरसों के लक्षण समान हैं, जिससे सर्दी-खांसी के मरीजों में इनकी पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।
- वायरस का प्रसार: आईसीएमआर के अनुसार, भारत में एच1एन1 (स्वाइन फ्लू), एच3एन2, विक्टोरिया, कोरोना और आरएस वायरस के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़े हैं। इनमें से एचएमपीवी की सक्रियता सीमित रही है।
- सर्दी-खांसी के लक्षण: इन वायरसों के लक्षण एक जैसे होने के कारण, सर्दी-खांसी के मामलों में इनके बीच अंतर करना कठिन हो रहा है। अस्पतालों में आने वाले मरीजों के नमूनों से इन वायरसों की पहचान की जा रही है।
- सर्विलांस नेटवर्क: आईसीएमआर ने वायरसों के प्रसार की निगरानी के लिए आईएलआई-एसएआरआई सर्विलांस नेटवर्क स्थापित किया है, जिसमें देश के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों तथा प्रयोगशालाओं से डेटा जुटाया जा रहा है।
- विक्टोरिया वायरस का प्रभुत्व: रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के अंतिम सप्ताह में 26% नमूनों में विक्टोरिया वायरस पाया गया, जबकि 14% नमूने आरएसवी से संक्रमित थे। इसके अलावा 6% नमूनों में एच3एन2 और 12% में एच1एन1 वायरस की पुष्टि हुई।
- वायरस के मौसम संबंधी प्रभाव: विक्टोरिया और आरएसवी वायरस एक ही परिवार से संबंधित हैं और सर्दियों के महीनों में इनके मामले बढ़ने की संभावना रहती है। आरएसवी वायरस अक्सर शुरुआती सर्दी में बढ़ते हैं, जबकि एचएमपीवी के मामले सर्दियों के मध्य से शुरुआती वसंत तक फैलते हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी: स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस समय देश में किसी भी असामान्य वृद्धि के संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन इस बढ़ते वायरस के प्रसार को लेकर सतर्कता बनाए रखी जा रही है।
निष्कर्ष: सर्दी-खांसी जैसे सामान्य लक्षणों के साथ ये वायरस तेजी से फैल रहे हैं, जिससे अस्पतालों में इलाज की मांग बढ़ रही है। आईसीएमआर का सर्विलांस नेटवर्क इन वायरसों की निगरानी में मदद कर रहा है और समय-समय पर रिपोर्ट साझा की जा रही है।