उत्तराखंड में निकाय चुनाव के दौरान शराब और मादक पदार्थों का इस्तेमाल जोरों पर है। आबकारी और पुलिस विभाग की लगातार कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि चुनावी धंधे के तहत शराब, ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों की आपूर्ति की जा रही है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर इस बार कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अब तक सात करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के मादक पदार्थ और 37 लाख रुपये से अधिक की शराब जब्त की जा चुकी है।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल गोयल के अनुसार, अब तक 5,975 लीटर शराब पुलिस द्वारा और 2,749 लीटर शराब आबकारी विभाग द्वारा पकड़ी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, पुलिस ने 216 किलो ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों की बरामदगी की है। इन सभी सामग्री का चुनावी प्रक्रिया में गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल किया जा रहा था।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी का गीत चुनावों में शराब के प्रयोग को लेकर बहुत लोकप्रिय है। इस गीत में वह मजाकिया अंदाज में चुनावी राजनीति में शराब और पैसे का उपयोग कर वोटों की खरीद-फरोख्त की कड़ी आलोचना करते हैं। गाने का संदेश यह है कि कुछ दलों के प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए शराब और पैसे का प्रयोग करते हैं, जबकि छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार कच्ची शराब के जरिए अपने वोट खरीदने की कोशिश करते हैं।
निकाय चुनाव में शराब, मादक पदार्थ और धनबल के उपयोग को रोकने के लिए पुलिस, आबकारी और प्रशासन की टीमें सक्रिय रूप से निगरानी और कार्रवाई कर रही हैं। निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि इस बार कड़ी सख्ती बरती जा रही है ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांति से संपन्न हो सकें।