TIRUPATI STAMPEDE : तिरुपति में भगदड़: हजारों लोगों की भीड़, काउंटर पर अव्यवस्था और सुरक्षा की कमी

तिरुमाला हिल्स स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ एकादशी उत्सव के आगाज से पहले भगदड़ मचने से प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। उत्सव के लिए टिकट और टोकन वितरण के लिए 90 से अधिक काउंटर बनाए गए थे, जहां भारी भीड़ जमा हो गई। इस दौरान भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे छह लोगों की मौत हो गई। इस विशेष दिन पर श्रद्धालु मंदिर के उत्तरी प्रवेश द्वार से भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने के लिए आते हैं।

तिरुपति भगदड़: व्यवस्था की कमी और भारी भीड़ के कारण छह श्रद्धालुओं की मौत

तिरुमाला हिल्स स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ एकादशी उत्सव से पहले मची भगदड़ ने प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 10 से 12 जनवरी तक चलने वाले वार्षिक दर्शन के लिए भक्तों को 1,20,000 टोकन वितरित करने की व्यवस्था की गई थी। यह टोकन ‘सर्व दर्शन’ (निःशुल्क दर्शन) के लिए थे, और इन्हें गुरुवार सुबह 5 बजे से वितरित किया जाना था।

घटना की विस्तार से जानकारी:

  • 10 दिवसीय उत्सव के दौरान दर्शन के लिए टोकन देने का काम 9 जनवरी को शुरू हुआ।
  • हजारों श्रद्धालु काउंटरों पर टोकन लेने के लिए एक रात पहले ही एकत्र हो गए।
  • अधिकारियों के अनुसार, तिरुपति के विभिन्न काउंटरों पर भारी भीड़ जमा हो गई।
  • करीब 4,000-5,000 लोग एक काउंटर पर पहुंच गए, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
  • महिला की मदद के लिए गेट खोला गया, तब ही भीड़ एक साथ आगे बढ़ गई और भगदड़ मच गई।
  • इस भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई, और 40 से अधिक लोग घायल हुए।

घटना की वजह और प्रशासनिक खामियां:

  • असुविधाजनक व्यवस्थाएं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अपर्याप्त इंतजाम घटना की मुख्य वजह माने जा रहे हैं।
  • काउंटरों पर टोकन वितरण की अधिक भीड़ के कारण भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
  • प्रशासन ने काउंटरों की संख्या 94 तक बढ़ाई थी, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था की कमी महसूस हुई।

राजनीतिक और सरकारी प्रतिक्रियाएं:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख व्यक्त किया।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर शोक जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायल व्यक्तियों के जल्द ठीक होने की कामना की।

यह घटना तिरुपति के तीर्थ यात्रियों के लिए एक कड़ा सबक है, जिससे भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता है।

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