उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में दिल्ली के तेजेंद्र उर्फ तजेंद्र उर्फ काका और नगला लाले (एत्मादपुर) के सुभाष शामिल हैं। पुलिस अब इस गिरोह के सरगना फिरोजाबाद के गैंगस्टर बिट्टू की तलाश कर रही है। यह गिरोह 10 रुपये के स्टांप पेपर और प्रिंटर का इस्तेमाल करके 500 रुपये के नकली नोट छापता था, जो असली नोट से पहचान पाना बेहद मुश्किल था।
पुलिस के अनुसार, तेजेंद्र और उसके साथी सुभाष ने यूट्यूब पर नकली नोट बनाने के वीडियो देखकर इसकी तकनीक सीखी थी। इसके बाद उन्होंने फोटोशॉप और कोरेलड्रा सॉफ़्टवेयर का उपयोग कर नोट की सीरीज़ बदल दी और फिर स्टांप पेपर पर इनका प्रिंट निकालने लगे। वे महात्मा गांधी का वाटरमार्क भी तैयार करते थे, जिससे नोट की पहचान और भी मुश्किल हो जाती थी। इसके साथ ही हीट एम्बोजिंग मशीन की मदद से नोटों में सुरक्षा धागा भी डाला जाता था।
पुलिस ने बताया कि गिरोह द्वारा तैयार किए गए नकली नोट मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में खपाए जाते थे, खासकर शराब के ठेकों और ठेलों पर। आरोपी तेजेंद्र के खिलाफ कई अपराधों का इतिहास है और उसे पहले भी नकली नोट मामले में जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से नकली नोट, दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, हीट एम्बोजिंग मशीन और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। फरार आरोपी बिट्टू की तलाश जारी है।
यह पहली बार नहीं है जब आगरा में नकली नोट बनाने वाला गिरोह पकड़ा गया हो। इससे पहले भी पुलिस ने इस तरह के गिरोहों का खुलासा किया है, और अब मामले की जांच और भी गहराई से की जा रही है।