उत्तर प्रदेश के संभल में 1978 में हुए दंगों की फाइल फिर से खोली जाएगी, और प्रदेश सरकार ने सात दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संभल प्रशासन और पुलिस मामले की फिर से जांच करेंगे। दिसंबर में विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल दंगे पर बयान दिया था, जिसके बाद इस मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि 1947 से अब तक संभल में दंगों के कारण 209 हिंदू अपनी जान गंवा चुके हैं। 29 मार्च 1978 को हुए दंगे में बड़े पैमाने पर आगजनी और हिंसा हुई थी, जिसमें कई हिंदू मारे गए थे। डर के मारे 40 रस्तोगी परिवारों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा था। मंदिरों में पूजा तक नहीं हो पा रही थी और घटना के 46 साल बाद भी किसी को सजा नहीं मिली।
हालांकि, प्रशासन और स्थानीय लोगों की मेहनत से, 46 साल बाद मंदिर के दरवाजे फिर से खोले गए। इसके बाद अधिकारियों ने इस मामले से संबंधित दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी।
यह दंगा 29 मार्च 1978 को हुआ था, जिसके बाद शहर में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई थी। हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था, जो कि दो महीने तक जारी रहा।