
देहरादून में पुलिस ने दो मासूम बच्चों का अपहरण कर एक को बेचने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह में एक आरोपी बच्चों का रिश्ते का मामा भी है, जबकि एक सदस्य अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है, जिसकी तलाश जारी है।
घटना की शुरुआत 2 जनवरी को यमुना कॉलोनी की रहने वाली रीना द्वारा कैंट पुलिस को शिकायत देने से हुई थी। रीना ने बताया था कि उनके दो बेटों, आकाश (पाँच वर्ष) और विकास (दो वर्ष) का अपहरण कर लिया गया है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और लोगों से पूछताछ की। पुलिस को पता चला कि रीना के घर उसके रिश्ते का मामा राकेश, जो बिजनौर के जाटान मोहल्ला का निवासी है, बच्चों के साथ आया-जाया करता था। राकेश 16 दिसंबर को रीना और उसके बच्चों को अपने साथ ले गया था। साथ में एक वृद्ध महिला भी थी। इसके बाद 30 दिसंबर को राकेश ने रीना को बिजनौर के झालू में उसके मायके में छोड़ दिया और तीन दिन बाद 2 जनवरी को आकाश को यमुना कॉलोनी में छोड़ दिया।
पुलिस ने गहन जांच के बाद राकेश, मुरादाबाद के गोहरपुर सुल्तानपुर निवासी तानिया, धामपुर बिजनौर की प्रियंका और कोडीपुरा निवासी सेंटी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि राकेश की दोस्ती राहुल नामक व्यक्ति से थी, जो उसके साथ सफाई का काम करता था। राहुल की बेटी तानिया ने प्रियंका को बताया था कि उसे एक बच्चे की जरूरत है और इसके बदले वह अच्छा पैसा दे सकती है। राकेश ने तानिया के साथ मिलकर बच्चों के अपहरण का षड्यंत्र रचा और प्रियंका और सेंटी को दो लाख रुपये में रीना के छोटे बेटे विकास को बेच दिया।
प्रियंका और सेंटी ने इस बच्चे को आगे शिवाला कलां के गांव सरकथल में बेच दिया। पुलिस ने विकास को ढूंढ निकाला है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि राकेश ने अपने दोनों बच्चों को भी प्रियंका और सेंटी से किसी को बेच दिया था। अब पुलिस उन बच्चों की तलाश कर रही है।
राहुल इस गिरोह का अहम सदस्य है, लेकिन जांच में पता चला कि वह पुलिस के पकड़ में नहीं आ सका है। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राकेश और उसके साथियों द्वारा बच्चों के अपहरण और बेचने का यह गिरोह काफी समय से सक्रिय था, और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है।