
पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुंभ 2025 की शुरुआत हुई, और मकर संक्रांति के पर्व पर आज पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) आयोजित किया गया। इस मौके पर कई अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। महाकुंभ के इस अमृत स्नान में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने आस्था की डुबकी लगाई, जिससे संगम तट पर अद्भुत नजारा देखने को मिला। श्रद्धालु ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय श्रीराम’ के जयघोष के साथ आस्था की डुबकी लगा रहे थे। अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के संतों और नागाओं के स्नान का समय निर्धारित किया गया था। सबसे पहले महानिर्वाणी और अटल अखाड़े के संतों ने स्नान किया। ये संत सुबह करीब सवा पांच बजे शिविर से प्रस्थान कर सवा छह बजे संगम पहुंचे और लगभग 40 मिनट तक अमृत स्नान किया। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा के संतों ने 7.05 बजे स्नान किया। इसी क्रम में जूना, आवाहन और पंच अग्नि अखाड़ा के संतों ने एक साथ सुबह आठ बजे स्नान किया।

महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान पुरी ने कहा कि महाकुंभ में यह दृश्य अद्भुत है। यहां हर कोई पवित्र स्नान के लिए अपनी जगह खोज लेता है, और इस तरह की अद्वितीय व्यवस्था देखना किसी अन्य स्थान पर संभव नहीं है। अमृत स्नान के लिए श्रद्धालु देर रात से ही अखाड़ा मार्ग पर डेरा डाल चुके थे, ताकि वे नागा साधुओं की चरण रज ले सकें। मध्य प्रदेश के निवाड़ी से आए राजकुमार और उनकी पत्नी उर्मिला समेत कई श्रद्धालुओं ने इस अवसर का लाभ उठाया। अखाड़ों के रास्ते पर सुरक्षा कड़ी थी, और पुलिस, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। अमृत स्नान का आयोजन करीब साढ़े नौ घंटे तक चलता रहेगा, जिसमें शिविर से निकलने और वापस आने में 12 घंटे से ज्यादा समय लगेगा।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा है, जो संगम की ओर बढ़ते हुए हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं या हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ पवित्र डुबकी लगाने की तैयारी कर रहे हैं। कंपकंपाती ठंड के बावजूद लोग संगम तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। इस महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं की भी बड़ी संख्या में भागीदारी देखी जा रही है। अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता से अभिभूत हो रहे हैं और गंगा किनारे योग, ध्यान और सत्संग में शामिल होकर आत्मशांति का अनुभव कर रहे हैं। प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के बीच एकता और आस्था का अद्भुत दृश्य दिखाई दे रहा है। हर दिशा से जयकारों और भजनों की गूंज हो रही है। लोग अपनी आस्था के अनुसार दान भी कर रहे हैं और इस महाकुंभ को एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सजीव बना रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के अवसर पर बधाई दी और इसे हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप बताया।