
सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम आज से भारत की राजकीय यात्रा पर आ रहे हैं। यह यात्रा भारत और सिंगापुर के बीच कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच ऊर्जा, औद्योगिक पार्क और कौशल विकास जैसे गैर-पारंपरिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की उम्मीद है।
थर्मन शनमुगरत्नम के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा, जिसमें मंत्री, संसद सदस्य और अधिकारी शामिल होंगे। यह उनकी राष्ट्रपति के रूप में भारत की पहली यात्रा होगी। इस दौरान थर्मन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। 16 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा। राष्ट्रपति मुर्मू के साथ वे चर्चा करेंगे और उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया जाएगा।
17 से 18 जनवरी तक सिंगापुर के राष्ट्रपति ओडिशा का दौरा भी करेंगे, जहां ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक उन्हें आधिकारिक रात्रिभोज देंगे। इसके अलावा, थर्मन शनमुगरत्नम सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन सर्विसेज (आईटीईईएस) द्वारा स्थापित विश्व कौशल केंद्र और भारत बायोटेक द्वारा संचालित वैक्सीन विनिर्माण संयंत्र का दौरा करेंगे।
भारत और सिंगापुर के बीच रिश्ते लंबे समय से मैत्री, विश्वास और आपसी सम्मान पर आधारित रहे हैं। राष्ट्रपति थर्मन की यात्रा से इन रिश्तों को और गति मिलने की संभावना है और यह भारत-सिंगापुर के राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ की शुरुआत का प्रतीक भी होगी। इस वर्ष भारत-सिंगापुर संबंधों के लिए अहम रहेगा, जिसमें विभिन्न कार्यक्रम और बैठकें आयोजित की जाएंगी।
भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए विभिन्न उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इस साल के अंत में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग भी भारत का दौरा करेंगे और मंत्रीस्तरीय गोलमेज बैठक का अगला दौर भी होगा। सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग के मुताबिक, पिछले साल मंत्रीस्तरीय बैठक और पीएम मोदी की सिंगापुर यात्रा के बाद भारत-सिंगापुर संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया है।
सितंबर 2024 में पीएम मोदी ने सिंगापुर की यात्रा की थी, जहां उन्होंने राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से मुलाकात की थी और कौशल विकास, स्थिरता, प्रौद्योगिकी, नवाचार और कनेक्टिविटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला पर विचार किया था।