Politics: ‘सार्वजनिक रूप से बयान न दें’, कर्नाटक में सत्ता संघर्ष के बीच सिद्धारमैया का विधायकों के लिए फरमान

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी बवाल के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर विराम लगाया है। रविवार को उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी जगह खाली नहीं है और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इस बीच, उन्होंने अपनी पार्टी के विधायकों से सार्वजनिक बयान न देने का अनुरोध किया है। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायकों से कहा कि जो भी फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा, उसे सभी को मानना होगा। यह संदेश उन्होंने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में सांसदों को दिया, जिसमें कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और जयराम रमेश भी उपस्थित थे। यह फरमान ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मीडिया में जमकर अटकलें चल रही हैं और कई विधायकों तथा मंत्रियों ने इस मुद्दे पर खुले तौर पर बयान दिए हैं। खासकर, मंत्री सतीश जारकीहोली के आवास पर हाल ही में हुए रात्रिभोज ने कांग्रेस के भीतर सीएम बदलने की चर्चा को तेज कर दिया था। जानकारी के मुताबिक, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच विधानसभा चुनाव के बाद एक समझौता हुआ था, जिसमें दोनों नेताओं ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर सहमति जताई थी। इसके तहत पहले ढाई साल के लिए सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने और डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बने। अब पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार और उनके समर्थक सिद्धारमैया के पद छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सिद्धारमैया के समर्थक नहीं चाहते कि डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनें।

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