
पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट द्वारा सुनाई गई उम्रकैद की सजा के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर संजय रॉय को मृत्युदंड देने की मांग की है। न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक की खंडपीठ ने इस याचिका को दायर करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी थी, जिसमें संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सियालदह कोर्ट के फैसले पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा था कि यह एक दुर्लभतम अपराध था, और दोषी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा था कि बंगाल सरकार इस मामले में उच्च न्यायालय का रुख करेगी। कोर्ट का यह फैसला उस समय आया जब सोमवार को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को 31 वर्षीय प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही, कोर्ट ने 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबन दास ने यह भी कहा कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाने चाहिए।
यह जघन्य अपराध पिछले साल 9 अगस्त को हुआ था, जब संजय रॉय ने आरजी कर अस्पताल में काम कर रही महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। संजय रॉय को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था, जब महिला चिकित्सक का शव अस्पताल के सेमिनार कक्ष में पाया गया। कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था, जिसके तहत उसे उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती थी, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर आपत्ति जताई और उच्च न्यायालय में मृत्युदंड की मांग की है।