
हादसा: इतनी स्पीड में… कार ने कई दशक पुराना मजबूत पेड़ उखाड़ डाला, एक पहिया पेड़ पर लटका; दूसरा खेत में गिरा
हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित किशनपुर घुड़दौड़ा के पास बुधवार रात हुआ एक भयंकर हादसा न सिर्फ एक व्यक्ति की जान ले गया, बल्कि यह घटना शहर में चर्चा का विषय बन गई। हादसा इतना भयावह था कि तेज़ रफ्तार में दौड़ रही एक अनियंत्रित एसयूवी (कार) ने पहले एक स्कूटी सवार सागर नेगी को रौंदते हुए उसे अपनी चपेट में लिया और इसके बाद कार ने एक सैंकड़ों साल पुराना, बेहद मजबूत पेड़ भी उखाड़ डाला। इस हादसे में कार की स्टेपनी और एक पहिया अलग हो गए। इनमें से एक पहिया तो उस पेड़ पर लटक गया, जबकि दूसरा खेत में जाकर गिरा। यह दुर्घटना इतनी भयानक थी कि कार के हिस्से खेतों में और पेड़ से टकराकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे के कारणों में एक महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि इस रोड पर स्ट्रीट लाइट्स की कमी थी, जिसकी वजह से वाहन चालक को रास्ता स्पष्ट नहीं दिखा और हादसा हुआ।
यह हादसा एक बेहद दुखद घटना बनकर सामने आया, क्योंकि हादसे का शिकार हुआ व्यक्ति, सागर नेगी, जो एक आर्किटेक्ट थे, अपनी स्कूटी पर एक कॉपी लेकर निकले थे। इस कॉपी में नक्शे और अन्य डिजाइन की डिटेल्स दर्ज थी, जिनके जरिए वह अपना काम कर रहे थे। सागर नेगी को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि रामपुर रोड पर उनकी मौत उनका इंतजार कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही सागर नेगी ने मुख्य मार्ग पर सड़क पार करने के लिए वाहन को आगे बढ़ाया, एक तेज़ रफ्तार एसयूवी (एक्सयूवी) ने उसे 100 से 120 किमी/घंटे की गति से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि सागर नेगी स्कूटी से उछलकर वाहन में फंसे गए। अचानक कार के चालक का नियंत्रण खो गया और वाहन लहराता हुआ आगे बढ़ा। कार के नियंत्रण से बाहर होने के बाद वह सड़क के किनारे खड़े हुए लोगों के पास पहुंची, जिनमें से आधा दर्जन लोग किसी तरह खेतों की ओर कूद पड़े। सिर्फ तीन सेकेंड के भीतर ही यह एक्सयूवी 150 मीटर की दूरी तय कर उड़ गई और इसके बाद उसमें फंसी स्कूटी और सागर दोनों दूर जा गिरे। इसके बाद वाहन ने एक मजबूत पेड़ से टक्कर मारी और पलट गई। वाहन के बंपर को 20 मीटर दूर तक उछलते हुए देखा गया, वहीं कार की स्टेपनी पेड़ पर लटक गई और एक पहिया खेतों में जाकर गिरा। इस भयानक हादसे में सागर की स्कूटी पूरी तरह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जहां तक उसकी नंबर प्लेट भी बाकी बची थी, जो इस हादसे की भयानकता को दर्शाती थी।
इस हादसे से सागर की मासूम एक साल की बच्ची से उसका पिता छिन गया। घटनास्थल पर एसयूवी की जलती लाइट और खुले दोनों एयरबैग्स, सभी इस हादसे की दर्दनाक कहानी बयां कर रहे थे। इसके अलावा, वाहन के अंदर बिखरे हुए सामान जैसे क्रिकेट का बल्ला, चादर, कंबल, किसी मंदिर का प्रसाद और एक मोबाइल का डिब्बा भी घटना के बाद वहां से निकले सामान के रूप में दिखाई दे रहे थे।
हादसे के बाद, जनरल स्टोर के स्वामी सोबन सिंह नेगी ने बताया कि उनकी दुकान का टिनशेड उड़ा दिया गया था और बिजली का मीटर ऐसा टूटा कि पूरी लाइन खत्म हो गई। कई घरों के डिश लाइन के तार भी उखड़ गए थे। हालांकि, गनीमत यह रही कि हाईटेशन लाइन का पोल बच गया, नहीं तो अगर वह टकराता तो बिजली के तारों में दौड़ रही बिजली से कई जानें जा सकती थीं।
अब तक की जानकारी के अनुसार, कार के चालक के बारे में यह सामने आया है कि वह एक नाबालिग लड़का था, जो हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित मंगल विहार में अस्थायी रूप से रह रहा था। उसकी उम्र महज 17 साल थी और वह महाराष्ट्र के नागपुर के यशोधरा थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला था। एक्सयूवी वाहन पूर्वी दिल्ली के शकूरपुर सुंदर के बी ब्लॉक में किसी महिला के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह गाड़ी दिसंबर 2017 में रजिस्टर्ड कराई गई थी और इसके खिलाफ एक चालान भी जारी किया गया था, जिसकी राशि 34,700 रुपये थी। हालांकि, यह चालान की राशि जमा कर दी गई थी। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि नाबालिग चालक के पास कोई भी कागजात नहीं थे, और वह बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चला रहा था।
इस हादसे ने शहरवासियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस तरह की लापरवाही से दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं, और अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके और सड़क सुरक्षा की ओर कदम बढ़ाए जा सकें।